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जोकीहाट की हार ने बढ़ा दी बेचैनी, अल्पसंख्यकों के बीच ज़मीन बचाने की कोशिश में लगे नीतीश

जोकीहाट की हार ने बढ़ा दी बेचैनी, अल्पसंख्यकों के बीच ज़मीन बचाने की कोशिश में लगे नीतीश

PATNA - जोकीहाट में मुंह की खाने के बाद जदयू में बेचैनी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों के बीच अपनी गिरती साख़ से ख़ासे परेशान बताए जा रहे हैं। कभी अपनी सेक्युलर इमेज को बचाने के लिए नीतीश कुमार ने भाजपा से वर्षों पुराना रिश्ता एक झटके में तोड़ लिया था। लेकिन महागठबंधन के अंदर की मज़बूरी ने उन्हें फिर से भाजपा के साथ ला खड़ा किया है। नीतीश के लिए असल मुश्किल यही है कि भाजपा के साथ रहकर अल्पसंख्यक तबके में उनकी स्वीकार्यता तेजी से ख़त्म होती जा रही है। 

जोकीहाट से लगा बड़ा झटका

12 साल से जोकीहाट पर कब्ज़ा रहने के बावजूद जदयू को वहां करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि भाजपा नेताओं को जोकीहाट से दूर रखकर जदयू जीत हासिल कर लेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हार के बाद नीतीश कुमार इसी बात से परेशान हैं भाजपा के साथ आना उनके लिए आत्मघाती हो गया है। 
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जून के पहले हफ़्ते में बढ़ सकती है  सियासी सरगर्मी 

मई महीने के आखिरी दिन आये जोकीहाट के नतीजे ने जून के पहले हफ़्ते में सियासी तपिश को बढ़ाना तय कर दिया है। नीतीश कुमार को 7 जून को मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के जश्न में शामिल होना है। इसके लिए बिहार भाजपा नेतृत्व ने उन्हें आमंत्रण भी दे दिया है। लेकिन जदयू के विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार ने उससे पहले 4 जून को इफ़्तार पार्टी देने का फ़ैसला कर लिया है। अमूमन राजनीतिक दल रमज़ान महीने के अंत में इफ़्तार पार्टी का आयोजन करते हैं लेकिन नीतीश कुमार द्वारा रमज़ान के शुरुआती हफ़्ते में ही इफ़्तार पार्टी देना किसी पहेली से कम नहीं। ख़बर तो यह भी है कि 7 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रोहतास जाने का कार्यक्रम हो सकता है, इसी दिन बिहार में एनडीए का कार्यक्रम होना है। हालांकि मुख्यमंत्री के रोहतास दौरे की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

डैमेज़ कंट्रोल में लगे नीतीश

नीतीश कुमार अगर वाक़ई 4 जून को इफ़्तार पार्टी देते हैं तो इसे अल्पसंख्यकों के बीच उनकी तरफ़ से किया गया डैमेज कंट्रोल माना जाएगा। वैसे भी नीतीश कुमार अपने सियासी फ़ैसले से कब सबको चौंका दें यह कोई भी नहीं जानता।

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