PATNA : दो दिन पहले बिहटा में हुए बालू माफियाओं के बीच हुए गोलीबारी की घटना की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। 12 घंटे से भी ज्यादा समय तक हुई गोलीबारी में जहां अब तक कहा जा रहा था कि पांच लोगों की मौत हुई है। वहीं अब एक लोकप्रिय दैनिक अखबार की मानें तो यहां मरनेवालों की संख्या 16 थी। हालांकि पुलिस सिर्फ एक की मौत की पुष्टि कर रही है।
बिहटा के अमनाबाद में पीला सोना( बालू) के अवैध खनन को लेकर वर्चस्व की लड़ाई में दो गिरोहों के बीच अंधाधुंध फायरिंग होती रही, लेकिन 11 घंटे तक पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। पूरी घटना के दौरान पुलिस के काम पर लगातार न सिर्फ विपक्ष सवाल उठा रहा है, बल्कि उस इलाके के लोग भी उठा रहे हैं। वहीं यह बात भी सामने आई है कि इस गोलीबारी में दोनों गुटों की तरफ से एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियारो का भी इस्तेमाल किया गया।
खुद को बचाने में लगी पुलिस
इस पूरी घटना के बाद पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। घटना के बाद सिटी एसपी पश्चिम राजेश कुमार, शुक्रवार को दानापुर एएसपी अभिनव धीमान, बिहटा व मनेर थाना की पुलिस के साथ नाव से सोन पार कर अमनाबाद दियारा पहुंचे। लेकिन एक घंटे बाद ही वापस लौट गए। लेकिन इतनी बड़ी वारदात के बाद भी एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों दूसरे दिन भी मौके पर नहीं गए। जबकि पुलिस मुख्यालय का आदेश है कि बड़ी घटना होने पर एसपी, एसएसपी भी घटनास्थल पर जाएंगे।
पुलिस ने नही की कार्रवाई
जहां एक तरफ इलाके के ग्रामीणों का कहना है गोलीबारी में 16 लोगों की मौत हुई है, जिन्हें मारने के बाद वहीं बालू में गाड़ दिया गया। वहीं दूसरी तरफ यह बात भी सामने आई है कि इलाके में गोलीबारी की घटना पिछले तीन माह से चल रही थी। लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी भी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि घटना के दौरान भी पुलिस को गांववाले सूचित करते रहे, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं लिया गया।
विपक्ष ने उठाए हैं सवाल
राजधानी पटना में पीला सोना को लेकर हुए गैंगवार को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार की चुप्पी पर आश्चर्च व्यक्त किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राजधानी पटना के इलाके में इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन न तो सीएम नीतीश कुमार और न ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कोई प्रतिक्रिया दी, न ही वह उन इलाकों में गए।