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तीन नहीं अब चार साल का होगा स्नातक कोर्स, नए शिक्षण सत्र ने लागू करने की हुई घोषणा, छात्रों को होंगे कई फायदे

तीन नहीं अब चार साल का होगा स्नातक कोर्स, नए शिक्षण सत्र ने लागू करने की हुई घोषणा, छात्रों को होंगे कई फायदे

PATNA : आगामी शिक्षण सत्र शिक्षा व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए शिक्षण सत्र से स्तानक करने के लिए तीन वर्ष की जगह चार वर्ष पढ़ाई करनी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार को इसका ऐलान किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम के लिए पाठयक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। दावा है कि नई व्यवस्था से छात्रों को विदेशी संस्थानों दाखिले और बाहर जाकर रोजगार के लिए ज्यादा सुविधा होगी।

पढ़ाई छोड़नेवालों को भी मौका

नए शिक्षा व्यवस्था में अगर कोई तीन साल साल से पहले पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे तीन साल के भीतर फिर से शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही छात्र को सात साल की अवधि में अपनी स्तानक की डिग्री हासिल करने का मौका दिया जाएगा। 

ऐसी होगी व्यवस्था

आठ सेमेस्टर वाले स्नातक कोर्स को तीन भागों में बांटा गया है। जिसमें पहले दो भाग में तीन-तीन सेमेस्टर और तीसरे भाग में दो सेमेस्टर रखे गए हैं। इसमें 120 क्रेडिट तीन साल के सामान्य डिग्री के लिए लेने होंगे। वहीं 160 क्रेडिट स्नातक के लिए रिसर्च के साथ जरुरी होगा 

पहले भाग के तीन सेमेस्टर में सभी छात्रों को कॉमन और इंट्रोक्टरी कोर्स की अनिवार्य पढ़ाई करनी होगी। इसमें साइंस, थियेटर, डांस, आर्ट, म्यूजिक, साहित्य आदि विषयों को शामिल किया गया है। कॉमन के 24 और इंट्रोडक्टरी के 18 क्रेडिट होंगे।

इसी तरह दूसरे भाग के  चौथे,पांचवे और छठे सेमेस्टर में एक मुख्य विषय लेना होगा। इसके साथ दो छोटे यानी माइनर सब्जेक्ट का विकल्प मिलेगा। इसमें से माइनर सब्जेक्ट में एक अनिवार्य वोकेशनल कोर्स होगा. मुख्य विषय 48 क्रेडिट तो माइनर सब्जेक्ट के लिए 16-16 क्रेडिट के होंगे।

तीसरे भाग में सातवें और आठवें सेमेस्टर को शामिल किया गया है। जिसमें छात्रों को ऑनर्स और शोध का विकल्प मिलेगा। छात्र बहु विषयक रिसर्च कर सकते हैं या फिर अंतिम वर्ष में एकल विषय के साथ डिग्री पूरी कर सकते हैं।

यूजीसी के मुताबिक, सभी छात्रों के लिए यह पाठ्यक्रम मुहैया कराया जाएगा। लेकिन, इसमें दाखिले के लिए छात्रों को बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र चाहें तो वह पहले से चले आ रहे तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों को ही जारी रख सकते हैं। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के मुताबिक, पहले से दाखिला ले चुके छात्र भी चार वर्षीय पाठ्यक्रम का हिस्सा बन सकेंगे। ऐसे छात्र जो प्रथम या द्वितीय वर्ष में हैं यदि वह चाहेंगे तो उन्हें भी चार वर्षीय पाठ्यक्रमों का विकल्प उपलब्ध कराया जा सकेगा। हालांकि, इसकी शुरुआत अगले वर्ष यानी 2023-24 से शुरू होने वाले नए सत्र से ही होगी।

यह होगा फायदा - विवि अनुदान आयोग ने स्नातक कोर्स के फायदे भी बताए हैं। जिसमें

- पहले साल की पढाई से सर्टिफिकेट,दूसरे में डिप्लोमा तीसरे में डिग्री और चौथ में आनर्स डिग्री व रिसर्च डिग्री मिलेगी।

- सात साल के भीतर एंट्री-एक्जिट की सुविधा मिलेगी। चार वर्षीय यूजी डिग्री प्रोग्राा वाले छात्र सीधे पीएचडी के लिए पात्र होंगे।



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