पटना. पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वकीलों के लिए बनने वाले भवनों के निर्माण से संबंधित कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है।
पिछली सुनवाई में शर्मा ने कोर्ट को बताया कि भवनों का निर्माण राज्य सरकार के भवन निर्माण भवन निर्माण विभाग करें,तो काम तेजी से हो सकेगा। ठेकेदारी के काम में बिलम्ब होने के अलावे लागत भी ज्यादा आएगा। याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य के अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है। अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते है, लेकिन उनके लिए न तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और न कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
वकीलों के लिये शुद्ध पेय जल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं होती हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अदालतों के भवन के लिए जहां भूमि उपलब्ध भी है, वहां भूमि को स्थानांतरित नहीं किया गया है। जहां भूमि उपलब्ध करा दिया गया है, वहां कार्य नहीं प्रारम्भ नहीं हो पाया हैं।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 31 जनवरी,2023 को की जाएगी।