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पवन सिंह की हुई मायावती से मुलाकात, बसपा के हाथी पर चढ़कर काराकाट से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ! भोजपुरी पावरस्टार की बड़ी रणनीति

पवन सिंह की हुई मायावती से मुलाकात, बसपा के हाथी पर चढ़कर काराकाट से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ! भोजपुरी पावरस्टार की बड़ी रणनीति

पटना. भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता पवन सिंह ने काराकाट संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है. अब उन्होंने अपनी सियासी रणनीति को एक कदम आगे बढ़ाते हुए एक और बड़ा सियासी खेला खेलने की तैयारी की है. पवन सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की है. सूत्रों का कहना है कि दोनों के बीच हुई मुलाकात में लोकसभा चुनाव को लेकर अहम चर्चा हुई है. इसमें काराकाट  से बसपा से टिकट पर पवन सिंह के किस्मत आजमाने की चर्चा है. काराकाट लोकसभा में एक जून को वोटिंग होनी है. यहां से भोजपुरी सिंगर व एक्टर पवन सिंह ने चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

पवन सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है - “माता गुरुतरा भूमेरू” अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी माँ से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूँगा । मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट,बिहार से लड़ूँगा । जय माता दी. 

इसके पहले पवन सिंह को भाजपा ने आसनसोल से टिकट दिया था। जहां चुनाव लड़ने से भोजपुरी सिंगर ने इनकार कर दिया था। भाजपा ने अब डा. एसएस आहूलुवालिया को आसनसोल से टिकट देने की घोषणा कर दी है। दूसरी तरफ पवन सिंह ने भी कुछ दिन पहले ही यह कहा था कि वह चुनाव लड़ेंगे। इसी क्रम में उन्होंने काराकाट लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर सबको चौका दिया. यहां से एनडीए से उपेंद्र कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं. पवन सिंह के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद एनडीए से काराकाट के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक मोर्चा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. काराकाट में मुख्य मुकाबला एनडीए के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा और महागठबंधन से सीपीआईएमएल के राजाराम सिंह के बीच है. दोनों ही कोइरी जाति से आते हैं. ऐसे में राजपूत जाति से आने वाले पवन सिंह अगर बसपा के टिकट पर आते हैं तो मुकाबला काफी रोचक हो जाएगा. 

काराकाट सीट पर बड़ी संख्या में सवर्ण खासकर राजपूत आबादी है। पवन सिंह राजपूत जाति से ताल्लुक रखते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां दो से ढाई लाख राजपूत वोटर हैं। एक से डेढ़ लाख ब्राह्मण और करीब 75 हजार भूमिहार वोटर हैं। कोइरी-कुर्मी वोटर ढाई लाख हैं। काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यादव मतदाता डेढ़ से दो लाख हैं। इसके अलावा पिछड़ी, अतिपिछड़ी और अनुसूचित जातियों के वोटर हैं। इस स्थिति में जातीय समीकरण को साधने में पवन सिंह बसपा के टिकट पर आकर बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं. एक ओर उन्हें राजपूत जाति का बड़ा समर्थन मिल सकता है. दूसरी ओर बसपा के टिकट पर आने से दलितों के बड़े वोट बैंक को साध सकते हैं. वहीं भोजपुरी गायक के रूप में पहचान रखने के कारण पवन सिंह को युवाओं से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है. 


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