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पेगासस जासूसी मामलाः 9 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, कटघरे में आई केंद्र सरकार, कपिल सिब्बल ने भी दी महत्वपूर्ण दलीलें

पेगासस जासूसी मामलाः 9 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, कटघरे में आई केंद्र सरकार, कपिल सिब्बल ने भी दी महत्वपूर्ण दलीलें

DESK: पेगासस कथित जासूसी मामले में दाखिल 9 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एकसाथ सुनवाई शुरू की। मीडिया में आ रही खबरों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर यह रिपोर्ट्स सही है, तो यह मामला काफी गंभीर है। याचिकाओं में एडिटर गिल्ड ऑफ़ इंडिया और वरिष्ट पत्रकारों एन. राम एवं शशि कुमार द्वारा दी गयी अर्जियां भी शामिल हैं।

पेगासस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के दो जजों के खंडपीठ ने कहा कि यह एक जटिल मुद्दा है। इसमें विदेशी कंपनिया भी शामिल हैं। मामले पर नोटिस लेने के लिए केंद्र सरकार के तरफ से किसी अधिकारी को पेश होना चाहिए था। फिलहाल इस महत्वपूर्ण सहित चर्चित मुद्दे की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से दिग्गज वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें रखी। कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश करने के बाद कोर्ट में कहा कि अगर सरकार इस संबंध में जानकारी रखती है, तो कोई एक्शन क्यों नही ले रही ? 

क्या है पेगासस और उससे जुड़े विवाद

‘पेगासस’ एक शब्द जो अचानक संसद के मॉनसून सत्र की कार्यवाही के दौरान चर्चा में आया और इसने पूरे देश में हलचल मचा दी। यहां यह जानना जरूरी है कि असल में यह है क्या। पेगासस एक स्पाईवेयर है, जिसे इजरायली फर्म NSO ग्रुप बनाती है। इसको बनाने का मुख्य उदेश्य आतंकियों को ट्रैक करना है। वह किसी निजी कंपनी को यह सॉफ्टवेयर नहीं बेचती है। इसकी सप्‍लाई सिर्फ सरकारों को ही की जाती है। यह स्पाईवेयर आईफ़ोन एवं एंड्राइड मोबाइल्स को हैक कर लेता है और मोबाइल में छिपा पूरा डाटा पर कब्जा कर लेता है। सीधे शब्दों में कहे तो यह आपके मोबाइल के जरिए आप पर नजर रखता है। 

क्या है पेगासस हैकिंग मामला

पेगासस रिपोर्ट दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों के समूह ने जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल स्पाईवेयर के मदद से भारत में कई बड़े राजनेताओं, नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के जजों, मशहूर पत्रकारों सहित सार्वनिक जीवन से जुड़े लोगों की फ़ोन हैक करने की बात की गई है। रिपोर्ट में 150 से ज्‍यादा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है। हालांकि, भारत सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुकी है। साथ ही केंद्र की तरफ से यह भी कहा गया भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां निजता की गिनती मौलिक अधिकारों में होती है। गौरतलब है कि यह स्पाईवेयर सिर्फ सरकार को बेचा जाता है और इसी वजह से केंद्र की मोदी सरकार के ऊपर विपक्ष हमलावर है।

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