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Pitru Paksha 2024: विष्णु नगरी में पितरों के प्रति आज से दिखेगी अटूट आस्था, फल्गु नदी में होगी महाआरती की प्रस्तुति

Pitru Paksha 2024: विष्णु नगरी में पितरों के प्रति आज से दिखेगी अटूट आस्था, फल्गु नदी में  होगी महाआरती की प्रस्तुति

Pitru Paksha 2024 विश्व प्रसिद्ध 17 दिवसीय (त्रिपाक्षिक) पितृपक्ष मेला महासंगम का उद्घाटन आज( मंगलवार) होगा. इस बार अपने पितरों का पिंडदान करने आए पिंडदानियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विशेष निर्देश पर पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन की ओर से  उपहार स्वरूप गंगाजल भेंट किया जायेगा. 10 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को गंगाजल देने की योजना है. जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से इसको लेकर विशेष व्यवस्था की गई है. आज मेले का विधिवत उद्घाटन  होगा. उद्घाटन को लेकर विष्णुपद प्रांगण भव्य पंडाल बनाया गया है. यह पंडाल उद्घाटन के लिए पूरी तरह सज-धज कर तैयार है. बीते वर्ष की अपेक्षा प्रशासनिक स्तर पर इस बार व्यवस्था को और बेहतर किया गया है. फल्गु नदी के पश्चिमी तट स्थित देवघाट, गदाधर घाट, गायत्री घाट, संगत घाट पर तीर्थ यात्रियों की भीड़ को काम व नियंत्रित रखने के लिए माड़नपुर बाइपास पुल से श्मशान घाट तक 50-50 मीटर का दो और नया व सुसज्जित घाट बनाया गया है. उक्त बाइपास से देवघाट तक एप्रोच पथ भी बनकर पूरी तरह से तैयार है. इस एप्रोच पथ की चहारदीवारी पर मिथिला व मधुबनी के कलाकार रामायण काल से जुड़ी झांकियों को रंग व पेंट के माध्यम से अंतिम रूप देने में जुटे हैं.  

 

15 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की संभावना

गया जिला प्रशासन की मानें, तो 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले में 15 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों के आने की संभावना है. इस संभावना को लेकर विष्णुपद सहित अन्य सभी वेदी स्थलों व उसके आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ मेला क्षेत्र से जुड़ने वाले सभी पहुंच पथों पर आवासान, स्वास्थ्य शिविर, पुलिस कैंप, सफाई, पानी, रोशनी, बुनियादी जरूरतों व सुविधाओं की समुचित व्यवस्था प्रशासनिक स्तर से की गयी है. मेले में शामिल होने के लिए तीर्थयात्रियों का जत्था पहुंचने लगा है. पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर देश के कई अन्य राज्यों से सोमवार की दोपहर तीन बजे तक 30 हजार से अधिक तीर्थयात्री आ चुके हैं. श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य व पंडाजी राजन सिजुआर की मानें, तो सोमवार की देर रात तक 10 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों के और आने की पूरी संभावना है. पितृपक्ष मेले के पहले दिन 40 हजार से अधिक तीर्थयात्री अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड शुरू करेंगे. श्री सिजुआर ने बताया कि 17 दिनों तक त्रिपाक्षिक श्राद्ध करने वाले अधिकतर तीर्थयात्री मेला शुरू होने के पहले यहां आ जाते हैं. 17 दिनों तक यहां रहकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड पूरा करते हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित देश के कई अन्य राज्यों के तीर्थयात्री यहां आ चुके हैं.


प्रतिदिन फल्गु महाआरती की होगी प्रस्तुति

बिहार पर्यटन विभाग की ओर से  पितृपक्ष मेले के सभी दिन  फल्गु नदी के तट पर प्रतिदिन शाम में फल्गु महाआरती की मनमोहक प्रस्तुति होगी. बताया गया कि वाराणसी में आयोजित होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर पांच निपुण ब्राह्मणों के समूह द्वारा पितृपक्ष मेला अवधि के दौरान सभी 17 दिन फल्गु महाआरती की प्रस्तुति की जायेगी.

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