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पीएम मोदी और अमित शाह को अब सताने लगा लोकसभा चुनाव में हार का डर, एनडीए सत्ता से होगी बाहर, शिवानंद तिवारी ने बताया बड़ा कारण

पीएम मोदी और अमित शाह को अब सताने लगा लोकसभा चुनाव में हार का डर, एनडीए सत्ता से होगी बाहर, शिवानंद तिवारी ने बताया बड़ा कारण

पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अब यह आभास होने लगा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में एनडीए सत्ता से बाहर होने वाली है. यह दावा राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने किया है. राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सोमवार को अपने सोशल मिडिया पर इसे लेकर एक पोस्ट किया. उन्होंने कहा है कि चाहे पीएम मोदी हों या फिर गृह मंत्री अमित शाह चुनावी सभाओं में दोनों की भाषाएँ अब बदल चुकी हैं. दोनों ही अब इंडिया गठबंधन से जो सवाल कर रहे हैं उससे साफ संकेत है कि चुनाव में वे अपना उपसंहार देख रहे हैं. 

शिवानंद तिवारी ने सोशल मिडिया पर लिखा- ‘यह चुनाव मोदी जी की राजनीति का उपसंहार है. यह लोकतंत्र के लिए शुभ होगा. प्रधानमंत्री जी धीरे-धीरे इंडिया गठबंधन की जीत की संभावना देखने लगे हैं. प्रधानमंत्री कौन होगा ! गठबंधन की सरकार में स्थिरता नहीं होगी. मोदी जी मतदाताओं को डरा रहे हैं. पाँच साल में पाँच प्रधानमंत्री होंगे. अमित शाह पूछ रहे हैं कि इंडिया का प्रधानमंत्री कौन होगा. दोनों के सवालों से ही स्पष्ट है कि उन्हें अपनी हार और गठबंधन की जीत की संभावना दिखने लगी है. जब मोदी जी पाँच साल में पाँच प्रधानमंत्री की बात कह रहे हैं. यह तो अनजाने में मोदी जी गठबंधन की प्रशंसा कर रहे हैं. प्रमाण दे रहे हैं कि गठबंधन में पाँच ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री बनने की क़ाबिलियत रखते हैं. मोदी जी ने भाजपा की जो हालत बना दी है वह हालत गठबंधन की नहीं है. यहाँ सब का क़द बराबर है. 

मोदी जी तो भाजपा के लिए अकेले भगवान स्वरूप हैं. पंचायतों से लेकर दिल्ली तक का चुनाव भाजपा मोदी जी का चेहरा लगाकर लड़ती है. बिहार सहित अन्य राज्यों में क्या हो रहा है ! वोट पार्टी के लिए नहीं मोदी जी के लिए माँगा जा रहा है. मोदी जी भारतीय राजनीति के इतिहास में अनूठे उदाहरण हैं. पार्टी में कोई और नहीं उभर जाए इस पर बराबर उनकी नज़र रहती है. लोकप्रिय नितिन गड़करी इसके उदाहरण हैं. पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं था. उसके बाद वे दौड़े दौड़े मोदी जी से मिलने हवाई अड्डा पर पहुँचे. तब जाकर गर्दन बची और टिकट मिला.

संपूर्ण भाजपा एक व्यक्ति पर आश्रित हो गई है. 'मोदी की गारंटी' और 'मोदी है तो मुमकिन ' यह नारा तो मोदी जी स्वयं लगवाते हैं. लेकिन अब मोदी जी स्वयं महसूस कर रहे हैं यह चुनाव उनके अति व्यक्तिवादी राजनीति का उपसंहार है. भारतीय लोकतंत्र के लिए शुभ होने का यह संकेत है.’

गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी सवाल किया है कि अब पीएम मोदी ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा लगाना छोड़ चुके हैं. वे मुद्दों पर बात करने के बदले धर्म जैसे मुद्दों पर वोट मांगने लगे हैं. मंगलसुत्र के नाम पर बरगलाने लगे हैं. यह दिखाता है कि पीएम मोदी को पहले दो चरण के चुनाव के बाद साफ संकेत मिल चुके हैं कि एनडीए की हालत खराब है. तेजस्वी के बाद अब लालू यादव के बेहद खास माने जाने वाले शिवानंद तिवारी ने भी उसी तरह हमला किया है. उन्होंने भी पीएम मोदी और अमित शाह के भाषणों का हवाला देकर दावा किया है कि एनडीए सत्ता से बाहर होने वाली है. 

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