NEWS4NATION DESK : आज दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 94वीं जयंती के साथ-साथ क्रिसमस है। पूर्व पीएम वाजपेयी की जयंती के इस मौके पर पीएम मोदी ने आज देश के सबसे लंबे रेल सह रोड बोगीब्रीजका शुभारंभ करते हुए इसे राष्ट्र को समर्पित किया। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने प्रदर्शनी का जायजा भी लिया और पुल की खूबियां जानीं। ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे और एशिया के दूसरे सबसे लंबे रेल-सड़क पुल बोगीबील ब्रिज भारत के लिए कई मायनों में खास और उत्तर पूर्वी सीमा पर भारत को नई ताकत देने वाला है।
ब्रह्मपुत्र नदी पर बना यह पुल उत्तर तथा दक्षिणी तटों को जोड़ता है। इस पुल के शुरु होने से असम से अरुणाचल प्रदेश जाने में लगने वाला समय 10 घंटे कम हो जाएगा। पुल के कारण डिब्रूगढ़-धेमाजी के बीच की दूरी 500 किमी सेघटकर 100 किमी रह जाएगी।
पूर्वोत्तर के राज्य असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस बोगीबील पुल की लंबाई 4.94 किलोमीटर है। यह पुल नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित डिब्रूगढ़ जिले को अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगते धेमाजी जिले के सीलापथार को जोड़ता है। पुल के बनने के बाद अरुणाचल प्रदेश से चीन की सीमा तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
2002 में वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में शुरु हुआ था निर्माण
वैसे तो इस पुल की आधारशिला 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने रखी थीं, लेकिन इसका निर्माण कार्य अप्रैल 2002 में वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू हो पाया था। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रेलमंत्री नीतीश कुमार के साथ इसका शिलान्यास किया था।
5800 करोड़ रुपये आई है लागत
चीफ इंजीनियर ने बताया कि डिब्रूगढ़ शहर से 17 किलोमीटर दूर ब्रह्मपुत्र नदी पर बने बोगीबील पुल की अनुमानित लागत 5800 करोड़ रुपये है। इस पुल का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से किया गया है। इसके बन जाने से ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी और उत्तरी किनारों पर मौजूद रेलवे लाइने आपस में जुड़ जाएंगी। पुल के साथ ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी किनारे पर मौजूद धमाल गांव और तंगनी रेलवे स्टेशन भी तैयार हो चुके हैं।