पटनाः पीएमसीएच में आर्थो के विभागाध्यक्ष की तरफ से एक निजी कंपनी की दवा लिखने के लिए जूनियर डॉक्टरों पर दबाव डालने का मुद्दा आज विधानपरिषद में भी उठा। कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने प्रश्नकाल में इस मुद्दे को उठाया और सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया। लेकिन विधानपरिषद के सभापति ने प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य की तरफ से लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
इसके बाद एक बार फिर से कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने शून्यकाल में इस इश्यू को उठाया।इस पर सरकार ने जवाब दिया है कि जांच बिठा दी गई है।
कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि पीएमसीएच में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की जा रही है।आखिर एक विभागाध्यक्ष कैसे जूनियर डॉक्टरों पर एक निजी कंपनी की दवा लिखने का दबाव डाल सकता है।जब जूनियर डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं मानी तो उसे फेल करा दिया गया।यह बहुत हीं गंभीर इश्यू है।
इस पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जिस आर्थो के एचओडी पर आरोप लगा है उसे तत्काल पद से हटा दिया गया है।साथ उनपर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटि का गठन किया गया है।रिपोर्ट आने के बाद अगर दोषी पाए गए तो उनपर कानूनी कार्रवाई होगी।