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औरंगाबाद में बैंक लूटकांड का पुलिस ने किया खुलासा, अंतरराज्यीय बैंक लुटेरा गिरोह का सरगना समेत चार गिरफ्तार

औरंगाबाद में बैंक लूटकांड का पुलिस ने किया खुलासा, अंतरराज्यीय बैंक लुटेरा गिरोह का सरगना समेत चार गिरफ्तार

औरंगाबाद. जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के कजपा स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक (डीबीजीबी) में 31 मार्च को हुए लूटकांड का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने अंर्तराज्यीय बैंक लूटेरा गिरोह के सरगना समेत चार लुटेरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बैंक लुटेरों के पास से बैंक के सीसीटीवी के डीवीआर तथा हार्ड डिस्क को भी जली हुई अवस्था में बरामद किया है।

औरंगाबाद के सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौतम शरण ओमी ने शुक्रवार को यहां प्रेसवार्ता में बताया कि बैंक लूट के मामले में डीबीजीबी की कजपा शाखा के प्रबंधक अरविंद कुमार के लिखित आवेदन पर लूट के दिन 31 मार्च को ही भादवि की धारा  392 के तहत रफीगंज थाना में प्राथमिकी संख्या-110/22 दर्ज की गई थी।मामले में चार अज्ञात बैंक लुटेरों को आरोपी बनाया गया था। पुलिस दो लाख सैतीस हजार दो सौ पैसठ रूपये के इस लूटकांड में शामिल लुटेरों की शिनाख्त एवं गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयासरत थी।

इस दौरान अथक प्रयास से पुलिस को लुटेरों की पहचान कर लेने में कामयाबी मिली। इसके बाद थानाध्यक्ष रफीगंज के राम एकबाल यादव के नेतृत्व में 11 अप्रैल को की कई छापेमारी में बैंक लूटकांड में शामिल तीन लुटेरों को धर दबोंचा गया। लुटेरों में अजय सिंह, मुकेश सिंह एवं इन्द्रजीत उर्फ कालिया शामिल थे। इन लुटेरों को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने 5 मई को रफीगंज थानाध्यक्ष के नेतृत्व में छापेमारी कर लूटकांड को अंजाम देनेवाले बैंक लूटेरा गिरोह के मुख्य सरगना को जमशेदपुर से गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार सरगना नीरज दास उर्फ सत्येन्द्र दास उर्फ गोरा उर्फ विनोद कुमार उर्फ पंकज उर्फ अशोक गया जिले के परैया थाना के पहरा गांव का निवासी है। सरगना ने पुलिस के समक्ष लूटकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। सरगना ने स्वीकार किया कि घटना को अंजाम देने के दौरान बैंक से लूटी गई सीसीटीवी के डीवीआर को उसने अपने गांव के डिहा पहाड़ में ले जाकर जला दिया था। उसकी निशानदेही पर जले हुए डीवीआर को भी बरामद किया गया है।

सरगना ने स्वीकार किया है कि उसका गिरोह अंतर्राज्यीय है और वह बंगाल, झारखंड आदि राज्यों में करीब 20-25 बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पुलिस ने गरोह के 10 कांडों का आपराधिक इतिहास ज्ञात किया है। शेष कांडों के लिए पुलिस आपराधिक इतिहास खंगाल रही है।

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