आरक्षण बढ़ाने पर लगी रोक पर शुरू हुई राजनीति, बोले मुकेश सहनी सरकार फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाए, नहीं तो विपक्ष जायेगी

PATNA : पटना उच्च न्यायालय के बिहार सरकार के आरक्षण की सीमा को 50 फीसद से बढ़ाकर 65 फीसद करने के कानून को रद्द किए जाने पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला पटना उच्च न्यायालय का है और इसके खिलाफ सरकार को सर्वोच्च न्यायालय जाना चाहिए।
श्री सहनी ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के साथ ही अपना तिकड़म शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि यह संदेह पहले से ही था। भाजपा कभी नहीं चाहती है कि गरीबों को आरक्षण मिले। हकीकत है कि भाजपा जाति आधारित गणना के भी खिलाफ थी। अगर, ऐसा नहीं है तो फिर देश में जाति आधारित गणना सरकार क्यों नहीं करवा रही है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार को पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाना चाहिए, नहीं तो विपक्ष सर्वोच्च न्यायालय जायेगी ही। उन्होंने कहा कि वीआईपी जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी के पक्ष में है।
श्री सहनी ने कहा कि विपक्ष शुरू से इसे शेड्यूल 9 में डालने की मांग करता रहा है लेकिन, अब तक 9 महीने हो चुके हैं, भाजपा और केंद्र सरकार ने इस काम को पूरा नहीं किया। उन्होंने नीतीश कुमार से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री से मिलने की मांग की।