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बिहार के कई जिलों में हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर निकाला गया जुलूस, कौमी सद्भावना का दिखा नजारा

बिहार के कई जिलों में हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर निकाला गया जुलूस, कौमी सद्भावना का दिखा नजारा

GOPALGANJ : जिले में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन जश्‍ने ईद मिलादुन्नबी गुरुवार को मनाया गया। इस मौके पर कौमी सद्भावना जुलूस निकाला गया। मदरसा चिश्तिया अनवारुल कुरान तिरबिरवा के लोग हाथों में हरी झंडी लेकर जुलूस में शामिल हुए। जो नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुजरा। जुलूस का कई स्थानों पर हिंदू, मुस्लिम, सिख समाज के लोगों ने सौंफ, मिठाई, फलों को वितरित कर स्वागत किया। वहीँ एकता-भाईचारे का सन्देश दिया गया। हजरत मोहम्मद साहब के यौमे पैदाइश के अवसर पर पहले की तरह इस साल भी मदरसा चिश्तिया अनवारुल कुरान तिरबिरवा से पूरे जोश के साथ जलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। इस अवसर पर हजारों मुस्लिम समाज के लोगों के अलावा अन्य समाज के लोगों ने भी इसमें भाग लिया। इस अवसर पर जलूस में हजरत मोहम्मद के प्रेम, एकता और भाईचारे के संदेशों को भी पढ़कर सुनाया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में ईद मिलाद-उन-नबी का ये जुलूस निकाला गया। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे। इसके साथ ही शहर के इस्लामिया मोहल्ला, दरगाह, जंगलिया, तकिया व फतहा समेत अन्य जगहों से भी जुलूस निकाला गया। उधर, मदरसा चिश्तिया अनवारुल कुरान तिरबिरवा के हेड मदारिस सहिम शाहिद रहमानी ने कहा कि इस्लाम धर्म के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ये त्योहार तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस्लाम के तीसरे महीने यानि मिलाद उन-नबी की शुरुआत हो चुकी है।  मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर लोग उनकी याद में जुलूस निकालते हैं। इस दिन जगह-जगह बड़े आयोजन भी किए जाते हैं। दुनिया भर में आज मिलाद उन-नबी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस्लाम धर्म के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक ये त्योहार तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म-अरब के रेगिस्तान के शहर मक्का में 571 ईस्वी में 12 तारीख को हुआ था।  पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था। जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई। मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे। इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था। अल्लाह ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद को ही पवित्र कुरान अता की थी। इसके बाद ही पैगंबर साहब ने पवित्र कुरान का संदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया।

उधर नवादा में हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर  जुलूस निकाला गया। जिसमें दस हजार से अधिक लोग शामिल हुए। इसमें शहर से लेकर गांव से लोग शामिल हुए। मौलाना मो. अमजद ने कहा कि इस्लाम अमन एवं भाई चारे का संदेश देता है। पैगंबर मोहम्मद ने धरती पर अमन एवं भाईचारे का संदेश दिया है। कहा कि कुछ नापाक इरादे वाले मुसलमान कौम को बदनाम कर रहे हैं। इससे बचने की अपील की। ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर सभी अल्पसंख्यक गांवों में जुलूस-ए -मोहम्मदी निकाली गई।  जिसमें राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भी लहरा रहा था। बुंदेलखंड से जुलूस निकलकर नवादा के सदर में जुलूस को घुमाया गया। पैगम्बर साहब के जन्मदिन पर गुरुवार को नवादा में जुलूस निकाला गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुभकामना दी तथा हजरत मुहम्मद साहब के बताये रास्ते पर चलने की अपील की।सदर एसडीओ अखिलेश कुमार ने कहा कि शांतिपूर्ण भाईचारा के साथ जुलूस को निकाला गया है। और समुदाय के लोगों ने पुलिस प्रशासन का भी काफी सहयोग कर रहे हैं। जो रूट बनाया गया था इस रूट पर जुलूस निकाला गया है।

वहीँ कटिहार में पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के मौके पर सीरत कमेटी के नेतृत्व में भव्य जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में लगभग 25000 से अधिक लोग प्रशासन द्वारा जारी रोड मैप के आधार पर जुलूस निकालते हुए राजेंद्र स्टेडियम पहुंचकर देश में अमानत चैन के लिए दुआ किए। इस जुलूस को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी भी पूरी तरह मुश्तैदर दिखे। एसपी जितेंद्र कुमार ने शांतिपूर्ण जुलूस संपन्न करवाने के लिए कमेटी से जुड़े लोगों को बधाई दिए। वही कमेटी के तरफ से भी प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा सहयोग के लिए आभार जताया गया।

उधर औरंगाबाद में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़े पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम का जन्म दिन बड़ी ही धूम धाम से मनाया। मुस्लिम समुदाय के लोगों का मानना है कि आज के दिन उपहार देने का दिन है और जिसकी जैसी शक्ति है वह उस ढंग का व्यंजन लोगों के बीच वितरण कर रहे है। आपको बता दें की आज सुबह से ही जामा मस्जिद, नावाडीह, पैठान टोली, कुरैसी मुहल्ला तथा जिला के अन्य कई मुहल्ले में लोगो के बीच उत्साह देखा जा रहा है। सुबह होते ही लोगों ने नमाज अदा कर एक भव्य जुलूस भी निकाला। जिसमें मुस्लिम समुदाय के सैकड़ो लोगों ने भाग लिया। इसी कार्यक्रम के दौरान औरंगाबाद बाजार के बहुतेरे जगहों पर लोग स्टाल लगाकर शर्बत पानी फल तथा सूखे मेवा का वितरण कर रहे थे। वही कई  जगहों पर बड़े पैमाने पर लंगर भी चलाया जा रहा था। लोगो का मानना है कि आज के दिन जो भी दान किया जाता है वह सभी दान आपके लिए जन्नत में सुरक्षित रखा जाता है। और जब हम सब मरणोपरांत अल्ला की दरबार में जाते है। उस समय इसी क्रम के फल से हमे जन्नत नसीब होता है।

गोपालगंज से मनान अहमद, नवादा से अमन सिन्हा, कटिहार से श्याम और औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट

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