पटना. विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. में भले ही 28 राजनीतिक दल एक छतरी के नीचे आ गए हों. लेकिन, विभिन्न दलों के नेताओं के बयानों में सामंजस्य का अभाव अभी भी बना हुआ है. यह एक बार फिर I.N.D.I.A. की कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक के पूर्व देखने को मिली. विशेषकर बयानों में मत भिन्नता का केंद्र बिहार रहा, जहाँ राजद और जदयू की ओर से बैठक के एजेंडे को लेकर अलग अलग दावे किए गए हैं. संयोग से इन दावों में एक जहाँ राजद सुप्रीमो लालू यादव का दावा हवा-हवाई साबित हुआ वहीं जदयू के दावों पर कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक में मुहर लगी है.
कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक के पहले सियासी हलकों में यह सवाल था कि क्या इस बैठक से सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होगा? पिछले दिनों जब इसे लेकर राजद प्रमुख लालू यादव से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, ‘हाँ सीट बंटवारे पर बात शुरू होगी.’ वहीं बैठक के पहले जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने लालू यादव के दावों से अलग बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि फ़िलहाल सीट शेयरिंग पर कोई बात नहीं होगी. कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक में सिर्फ चुनाव प्रचार की रणनीति से जुड़े मुद्दों पर बात होगी. त्यागी के इस बयान की अब पुष्टि भी हो गई है.
दिल्ली में एनसीपी नेता शरद पवार के घर हुई I.N.D.I.A. की कोर्डिनेशन कमेटी पहली बैठक में उन्हीं एजेंडों के आसपास चर्चा हुई जो दावा केसी त्यागी ने किया था. यानी नीतीश की पार्टी की बातों पर मुहर लग गई. I.N.D.I.A. ने तय किया है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया अपनी चुनावी अभियान की शुरूआत अक्टूबर से करेगा. इसकी शुरूआत चुनावी राज्य मध्य प्रदेश से होगी. साझा बयान में कहा गया कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश के भोपाल में अपनी पहली राजनीतिक रैली आयोजित करेगा. वहीं सीट बंटवारे से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल जल्द ही सीट बंटवारे पर बातचीत करेंगे और इस पर जल्द से जल्द फैसला करेंगे.
ऐसे में अब बिहार के सियासी गलियारों में यह चर्च जोरों पर है कि सीट को लेकर हड़बड़ी में कौन है? राजद या जदयू. राजद प्रमुख ने सीट शेयरिंग की बातें की थी लेकिन उस पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बयानों में सामंजस्य का अभाव इंडिया की सेहत के लिए ठीक नहीं है. या फिर लालू यादव से इस विषय में चर्चा नहीं हुई हो. दूसरा पक्ष यह भी हो सकता हो कि लालू यादव यह तय करना चाहते हैं कि उनकी पार्टी को बिहार में कितनी सीटें मिले. राजद बिहार में सर्वाधिक विधायकों वाली पार्टी है. हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. ऐसे में पार्टी का एक धरा यह चाहता है कि सीट शेयरिंग का मुद्दा जल्द से जल्द तय हो. इससे पार्टी अपने दावों वाली सीटों को अपने खाते में लेकर अभी से तैयारी में जुटेगी.
सूत्रों का कहना है कि लालू यादव का बयान भले ही बैठक के एजेंडे से भिन्न रहा हो लेकिन लालू ने शायद सबकुछ सोच समझकर बोला है. वे इसी बहाने अपने दल राजद के लिए अभी से चुनावी तैयारी को ठोस रूप देना चाहते हैं. संभवतः इसी कारण लालू सीट शेयरिंग में अपनी हड़बड़ी दिखा रहे हैं ताकि वे अपने अनुरूप अपने दावों वाली सीटों पर राजद को मजबूत कर सकें. साथ ही जदयू और अन्य दलों के साथ बिहार में अपने लिए बेहतर सामंजस्य भी बिठा सकें.