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गुजरात में बन रही ग्रामीण सड़क की तर्ज पर बनेंगी बिहार की सड़कें, खास तकनीक से बननेवाली सड़क का तकनीक सीखने गई है एक टीम

गुजरात में बन रही ग्रामीण सड़क की तर्ज पर बनेंगी बिहार की सड़कें, खास तकनीक से बननेवाली सड़क का तकनीक सीखने गई है एक टीम

MUZAFFARPUR : बिहार की ग्रामीण सड़कों के निर्माण में मजबूती के लिए गुजराती तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सड़कों के बारे में अधिक जानकारी के लिए  मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) की टीम वहां गई हुई है। इस टीम में एमआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष कुमार और ग्रामीण विकास विभाग के एक इंजीनियर शामिल हैं।

तांबे के वेस्ट से बनाई जा रही है सड़क

दरअसल, गुजरात के भरूच में  तांबा (कॉपर) बनने के बाद निकलने वाले इन ऑर्गेनिक वेस्ट (अपशिष्ट) का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जा रहा है। बिहार से गई टीम इस बात का अध्ययन करने गई है कि तांबे के वेस्ट से तैयार की गई सड़क कितनी मजबूत है। साथ ही इस बात की जानकारी तैयार की जा रही है कि बिहार जैसे राज्यों में इस तरह की सड़क का निर्माण कितना संभव है। 

सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

टीम भरूच के गांवों में जाकर देख रही है कि इस तकनीक से बनी सड़कें कितनी टिकाऊ हैं और बिहार में इसकी क्या संभावनाएं हैं। टीम अध्ययन करने के बाद पहले विभाग को और फिर सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंपेंगी। टीम दो से तीन दिन में अध्ययन कर वापस लौटेगी।

लागत में कमी और अधिक मजबूत

बताया गया कि खनिज के इस वेस्ट का इस्तेमाल सड़क की निचली सतह को बनाने में किया जाएगा। इससे सड़क मजबूत होगी। अलकतरा की सड़क के मुकाबले इस तकनीक से सड़क बनाने में पांच प्रतिशत की कम लागत आएगी। प्रकृति को ठीक रखने में भी फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से बनी सड़क लंबे समय तक चलती है और बाढ़ व बरसात में जल्दी खराब भी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि जहां खनिज उपलब्ध नहीं हो, वहां फ्लाई एश का भी इस्तेमाल इस तकनीक में किया जा सकता है। दोनों की गुणवत्ता समान रहेगी।

एमआईटी में होता है सड़कों का अध्ययन

एमआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्ययक्ष प्रो. सीवी राय ने बताया कि टीम गुजरात में ग्रामीण सड़क का अध्ययन करने गई है। एमआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़

बाढ़ में खराब होने वाली सड़कों का हो चुका है अध्ययन

एमआईटी ने इससे पहले बाढ़ में खराब होने वाली सड़कों का भी अध्ययन किया है। इसके लिए एमआईटी की टीम दरभंगा गई थी। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. सीवी राय ने बताया कि एमआईटी की टीम किसी भी सड़क की डिजाइन की जांच करती है। गुजरात गई टीम भी वहां की सड़कों के डिजाइन को देख रही है। वह पता करेगी कि उस डिजाइन की सड़क किस तरह से बिहार में बनाई जाए, क्योंकि दोनों राज्यों की मिट्टी अलग-अलग है।

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