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कम्प्रेशर की खराबी और सर्विसिंग के अभाव में सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लाट बंद, स्टीमेट देने वाली एजेंसी द्वारा काम करने से इंकार

 कम्प्रेशर की खराबी और सर्विसिंग के अभाव में सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लाट बंद,  स्टीमेट देने वाली एजेंसी द्वारा काम करने से इंकार

मुंगेर- मुंगेर सदर अस्पताल में कोरोना काल में लगे एक हजार एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट कम्प्रेसर की खराबी और सर्विसिंग के अभाव में 16 अप्रैल 23 से बंद पड़ा है। ऑक्सीजन मरम्मत के लिए मेन्टेनेस मद में आवंटन राशि मिलने के बाद भी प्लांट को अभी तक नहीं कराया गया दुरुस्त । सभी वार्डों में जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन जम्बो सिलेंडर की खरीदारी कर मरीजों को ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।

 मुंगेर में कोरोना काल में लगे एक  हजार एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट कम्प्रेसर की खराबी और सर्विसिंग के अभाव में 16 अप्रैल 23 मे बंद पड़ा है। ऑक्सीजन प्लांट बंद रहने के कारण अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड आईसीयू बार्ड सहित इंडोर बाद में जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन जम्बो सिलेंडर की खरोदारी कर मरोज को ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध करायी है। हाल यह है की जब एम ऑक्सीजन प्लांट में  मरम्मत के लिए मेन्टेस मद में  आवंटन नहीं रहने के कारण केसन कंपनी के द्वारा इसको ठीक नही किया जा रहा था। जिसके कारण लगभग छः माह तक ऑक्सीजन प्लांट को शुरू नही किया जा सका  और अस्पताल भी मरीजों को ने माध्यमों से ऑक्सीजन उपलब्ध करवाता रहा । पर अब हाल दूसरा है । ऑक्सीजन प्लांट के मेन्टेनेंस को दो लाख प्रति वर्ष आवंटन उपलब्ध कराने का आदेश पारित किया था। जिस पर एक माह पूर्व ही 02 लाख की राशि जिला को प्राप्त हो चुकी है। पर ऑक्सीजन प्लांट दुरुस्त नहीं हो पाया है। अस्पताल प्रबंधन मरीजों को जम्बो सिलेंडर खरीद उपलब्ध कराती है। जिस पर प्रति माह हजारों अतिरिक्त खर्च हो रहा है । 

आवंटन आने के बाद अब एजेंसी के द्वारा काम करने से मना कर दिया गया । जिस कारण ऑक्सीजन प्लांट सदर अस्पताल के लिए हाथी का दांत साबित हो रहा है। वहीं इस मामले में सिविल सर्जन सीएस पीएम सहाय ने बताया की मेन्टेनेस मद में आवटन नहीं रहने के कारण कम्प्रेशर की खराबी और सर्विसिंग के अभाव में सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लाट बंद था। अब आवंटन आया है तो स्टीमेट देने वाली एजेंसी द्वारा काम करने से इंकार कर दिया गया है। विभाग अब दूसरी एजेंसी से सर्विसिंग कराएगी, एजेंसी की खोज की जा रही है। 

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