संजय जायसवाल जी... UP में 'बुलडोजर' क्यों नहीं चलवाया ? ब्रेक फेल गया या ड्राइवर भाग गया ? JDU ने BJP अध्यक्ष से पूछे तीखे सवाल

PATNA: अग्निपथ योजना को लेकर हुए उपद्रव के बाद बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू-बीजेपी नेताओं में घमासान मचा है। भाजपा नेताओं पर हमले के बाद प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार के प्रशासन पर पूरा ठीकरा फोड दिया। इसके बाद जेडीयू के नेता भी आक्रामक हो गए हैं। ललन सिंह के बाद दूसरे नेताओं ने भी बीजेपी को घेरा है। जेडीयू के प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा है कि यूपी में उपद्रव के बाद बुलडोजर का ब्रेक फेल हो गया या ड्राईवर भाग गया ? बीजेपी नेताओं को इसका जवाब देना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष पर अनलिमिटेड अटैक
जेडीयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि वे दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं. मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. वे अगर जिम्मेवारी तय करना चाह रहे हैं तो आरपीएफ किसका है? आरपीएफ एक्ट क्या कहता है? आरपीएफ की जिम्मेवारी क्या बन रही है? जिम्मेदारी एक दूसरे पर थोप कर मूल समस्या से हटना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि मूल समस्या यह है कि युवाओं के मन में क्यों यह भाव पैदा हुआ? रोजगार के सवाल पर युवाओं के मन में कुंठा कैसे पैदा हुआ? उन युवाओं से बात करनी चाहिए .
बुलडोजर संस्कृति उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं चल पाया?
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में सबसे अधिक युवा हैं. अगर कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं तो उत्तर प्रदेश में पुलिस स्टेशन में आग लगा दी गई, तब वहां बुलडोजर का क्या हुआ? नीरज कुमार ने संजय जायसवाल से पूछा कि उप्र में बुलडोजर का ड्राइवर कहां गया? क्या उसका ब्रेक फेल कर गया? बुलडोजर संस्कृति उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं चल पाया? इसका मतलब साफ है कि कई राज्यों में युवाओं का स्वतःस्फुर्त आंदोलन था. बिहार में प्रशासन ने तो 700 लोगों की गिरफ्तारियां की है, मुकदमे दर्ज हुए हैं. आखिर संजय जायसवाल कौन सा सवाल पूछ रहे हैं? मैं तो यही जानना चाहता हूं कि रेलवे की जिम्मेदारी आरपीएफ की है या नहीं.... क्या आप आरपीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं?
हम लोगों से पूछ कर के नियम लाए थे क्या ?
विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि अग्निपथ के नियमों में लगातार संशोधन कर रहे हैं? अगर सब कुछ ठीक ही था तो फिर संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? लोकतंत्र में संवाद से बेहतर कोई चीज नहीं होती है. हम लोगों से पूछ कर के नियम लाए थे क्या ? आप युवाओं से विचार करिए. हमारा तो यूएसपी है कानून का राज. हम लोग इस दिशा में काम करते हैं. पूरी संवैधानिक प्रक्रिया बनी हुई है. आलोचना से कुछ भी लाभ नहीं होना है. अगर आप यह सवाल बिहार के संबंध में उठाते हैं तो उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ में थाने में आग लगा दिया गया तो वहां बुलडोजर क्यों नहीं चला. वहां बुलडोजर की धार कुंठित हो गई, दूसरे मामले में बुलडोजर चलेगा और इस मामले में बुलडोजर नहीं चलेगा?