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सरकारी स्कूलों के द्वारा छात्रों से वसूले गए 3.75 करोड़ रुपये, अंतिम परीक्षा नहीं होने के बाद क्या शिक्षा विभाग बच्चों का पैसा लौटाएगी

सरकारी स्कूलों के द्वारा छात्रों से वसूले गए 3.75 करोड़ रुपये, अंतिम परीक्षा नहीं होने के बाद क्या शिक्षा विभाग बच्चों का पैसा लौटाएगी

Patna: लॉकडाउन में सूबे के निजी स्कूलों की मनमानी खूब देखने को मिली. कई जगहों से ऐसे वीडियो भी आए जो यह बताने के लिए काफी था कि निजी स्कूलों को सिर्फ पैसा चाहिए. लेकिन अब खबर ये है कि सरकार भी फ्री शिक्षा के नाम पर करोड़ों का माल ले रही है. कभी सरकारी योजनाओं के लाभ के नाम पर तो कभी टीसी के नाम पर तो कभी एडमिशन फार्म के नाम पर. हालांकि ये तमाम शुल्क नियम विरूद्ध है लेकिन सरकारी स्कूल के साहब किसी की सुनते कहा है.

दरअसल फीस को लेकर शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का प्रचार प्रसार नहीं होने से अभिभावक को तो छोड़िए ज्यादातर अधिकारियों को भी नहीं पता है किस कक्षा में किस चीज के लिए कितनी फीस निर्धारित है. 99 फीसदी सरकारी स्कूलों में बच्चों को किसी फीस के बदले कोई रसीद नहीं दी जाती है.

लॉकडाउन में बिहार के स्कूल 13 मार्च से ही बंद हैं. बुधवार से एडमिशन का काम भी शुरू हो चुका है. ऐसे में सरकारी स्कूल की फीस की जानकारी बच्चों को देनी चाहिए थी. लॉकडाउन की वजह से किसी क्लास की परीक्षा नहीं हो सकी है लेकिन क्लास नौवीं की करें तो सरकारी स्कूलों में नामांकित करीब 15 लाख बच्चों से तीन परीक्षा के लिए 25-25 रूपए लिए गए हैं. दो परीक्षाएं तो हुई लेकिन लॉकडाउन की वजह से तीसरी परीक्षा नहीं हो सकी फिर भी 15 लाख बच्चों से 3 करोड़ 75 लाख रूपए लिए जा चुके हैं.

अब बड़ा सवाल ये है कि स्कूलों में जमा यह राशि किस मद में खर्च की जाएगी. क्या शिक्षा विभाग बच्चों को ये पैसा वापस करेगा या फिर दसवीं की परीक्षा में इस अमाउंट को सेटल किया जाएगा.  

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