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जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां, हमास जैसा हमला कर सकते हैं लश्कर और जैश

 जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां, हमास जैसा हमला कर सकते हैं लश्कर और जैश

डेस्क-  इस्राइल और हमास की लड़ाई के बीच जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। केंद्रीय एजेंसियों के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा हो रही है कि जिस तरह से हमास ने इस्राइल पर औचक हमला किया है, कुछ उसी तरह की ट्रिक का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के आतंकी संगठन, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर सकते हैं। हालांकि दोनों जगहों की भौगोलिक परिस्थितियों में कोई समानता नहीं है। 

जम्मू-कश्मीर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं। ग्लाइडर में बैठकर या किसी दूसरी ऐसी ही तकनीक के जरिए आतंकी, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ नहीं कर सकते। इसके बावजूद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।  इजराइल हमास युद्ध 1 माह बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। हमास को खत्म करने के लिए इजराइल लगातार गाजा पट्टी पर हमले कर रहा है। इस बीच सुरक्षा बलों को आशंका है कि कश्मीर में लश्कर ए तोइबा और जैश ए मोहम्मद पर हमला कर सकते हैं।पश्चिम एशिया में इजरायल-हमास जंग शुरू होने के बाद से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद भारत के साथ लगी सीमा पर आक्रामक तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं।

कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में शरणार्थी संकट के बीच यह दोनों आतंकी संगठन फंड की कमी से भी जूझ रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के हवाले से कहा गया है कि खुद को हमास, हिजबुल्लाह, टीटीपी या टीजेपी के बराबर साबित करने के लिए अब जैश और लश्कर को LOC पर बड़ी कार्रवाई करके दिखानी होगी। खुफिया सूत्रों के हवाले से इस खबर में कहा गया है कि कि भारत के लिए एक बड़ी चिंता यह है कि लश्कर और जैश जम्मू-कश्मीर में हमास जैसे हमलों को दोहरा सकते हैं। कश्मीर में 60 से अधिक विदेशी आतंकवादी इंतजार कर रहे हैं और उनके ठिकाने अब तक अज्ञात हैं। बताया जा रहा है कि कश्मीर के साथ ही गुजरात, राजस्थान, और पंजाब में भी सुरक्षा एजेंसियों अलर्ट जारी किया गया है। गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद सीमा पर ड्रोन की निगरानी बढ़ा दी गई है।

जम्मू-कश्मीर में इस बाबत उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हो चुकी है। राज्य से लगते पाकिस्तान के बॉर्डर पर सुरक्षा को और ज्यादा कड़ा किया गया है। ऐसे प्वाइंट, जहां से सर्दियों के दौरान घुसपैठ की संभावना बनी रहती है, वहां पर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है। केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी आईबी, रॉ, जम्मू-कश्मीर पुलिस की खुफिया इकाई और विभिन्न केंद्रीय बलों की इंटेलिजेंस यूनिट सक्रिय हैं। सूत्रों का कहना है, इस्राइल और हमास की लड़ाई के बीच जम्मू-कश्मीर में किसी तरह का बड़ा प्रदर्शन नहीं होने दिया गया है। हालांकि पाकिस्तानी खुफिया इकाई आईएसआई ने घाटी में अपने स्लीपर सेल/ओवर ग्राउंड/अंडर ग्राउंड वर्कर को सक्रिय किया था, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की लगातार निगरानी से वे अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो सके।  

इससे पहले जून 2021 में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक और वरिष्ठ सांसद रजा जफर उल हक ने सार्वजनिक तौर पर यह बात स्वीकार की थी कि पाकिस्तान आर्मी ने गाजा पट्टी में हमास के लड़ाकों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी है। हमास के लिए यह ट्रेनिंग प्लेटफार्म लंबे समय से संचालित हो रहा है। यह बात भी सामने आई कि पाकिस्तानी आर्मी ने अपनी स्पेशल कमांडो यूनिट की एक बटालियन को गाजा में भेजा था। अब इस्राइल पर हमास के अटैक के बाद दोबारा से वही बात कही जा रही है। हमास के लड़ाकों की ट्रेनिंग में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका बताई जा रही है। रजा जफर उल हक ने कहा था, जब मैं ट्यूनिशिया गया तो वहां अबू जिहाद (खलीद अल वजीर) उस समय जिंदा थे। उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया था। अबू जिहाद ने रजा जफर को बताया था कि हमास की जब कभी इस्राइल के साथ लड़ाई होती है, तो उसमें सबसे ज्यादा संख्या उन लड़ाकों की रहती है, जिन्हें पाकिस्तान से मिलिट्री ट्रेनिंग मिली होती है।  

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