SAHARSHA : अक्सर ऐसा कहा जाता है कि पुलिस वाले बहुत ही कठोर होते हैं। उन्हें किसी के मरने-जीने से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन सच वास्तव में ऐसा नहीं है। उनके अंदर भी दिल होता है। जिसका सबूत रविवार को देखने को मिला। दरअसल नवगछिया पुलिस जिला क्षेत्र के दुधैला मोजमा में अपराधियों से हुई मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह की पत्नी से सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मृदुला कुमारी मिलने पहुंची। इस दौरान शहीद की पत्नी की हालत देखकर एसडीपीओ अपने-आप को रोक नहीं पाई और वह शहीद आशीष की पत्नी को पकड़ दहाड़ मारकर रो पड़ी।
पत्नी ने कहा उन्हें भी गोली मार दी जाए
एसडीपीओ जैसे ही आशीष के घर पहुंची, पूरा माहौल एकबार फिर गमगीन हो उठा। दारोगा की पत्नी सरिता सिंह ने एसडीपीओ को देखते ही कहा मैडम मुझे भी गोली मार दीजिए। वह पति के जाने के बाद जीना नहीं चाहती। सरिता ने आरोप लगाया कि एसपी मैडम उनके पति को दो दिन की भी छुट्टी नहीं देना चाहती थीं। सरिता ने बताया कि शुक्रवार को ही सिलीगुड़ी से बच्चों को लेकर आई थीं। जब भी फोन करती थीं, तो पति कहते थे कि सरकार उन्हें काम करने का पैसा देती है। काम के दबाव में मोबाइल फोन पर भी सही से बात नहीं हो पाती थी।
बच्चों को बनाना चाहते थे आईपीएस, कहते थे हम बच्चों को करेंगे सैल्यूट
शहीद की विधवा ने कहा कि आशीष दोनों बच्चों को आइपीएस बनाना चाहते थे। कहते थे कि सेवानिवृत्त होने के बाद वे बच्चों को सैल्यूट मारेंगे। सरिता यह कहते बिलखने लगती थीं। बगल में बैठीं शहीद दारोगा की मां का भी रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं इस पूरे माहौल को देखकर एसडीपीओ भी अपने आंसू नहीं रोक पा रही थीं।