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शर्म करो सुशासन ! सूबे के सबसे बड़े अस्पताल में ठेले पर ढोया जा रहा शव... नीतीश जी के JDU कार्यालय में एम्बुलेंस पर आता है खाना

शर्म करो सुशासन ! सूबे के सबसे बड़े अस्पताल में ठेले पर ढोया जा रहा शव... नीतीश जी के JDU कार्यालय में एम्बुलेंस पर आता है खाना

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के बड़े बड़े दावे करें. लेकिन, हकीकत की तस्वीर बेहद अमानवीय है. जहरीली शराब से हुयी मौत के बाद बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को शवों को ठेले पर ढोया जा रहा है. और इस दारुण दृश्य को जिस किसी ने भी देखा वह यही सवाल कर रहा है कि क्या मानवता मर गई है? जब बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच का यह हाल है तो राज्य के अन्य अस्पतालों किस प्रकार की दुर्दशा होगी. 

दरअसल, छपरा में जहरीली शराब पीने से कई लोग बीमार हो गए. उन्हें उपचार के लिए पटना के पीएमसीएच लाया गया जहाँ 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. लेकिन शुक्रवार को जब जहरीली शराब से मौत के बाद अपनों को गंवाने वाले लोगों को शवों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिला तो वे ठेले पर शवों को लादकर ले जाने लगे. 


जहरीली शराब से परिजनों की मौत से गमगीन लोगों का रो रोकर बुरा हाल रहा. लेकिन जब उन्हें शवों को ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं मिली तो मजबूर लोग एक ही ठेले पर दो-दो शव को लादकर ले जाने लगे. पहले अपनों की मौत और फिर शवों को ढोने का कोई साधन नहीं मिलने से परिजन अपनी किस्मत को कोसते नजर आए. वे ठेले पर शवों को लादकर धक्का देते हुए कभी शराबबंदी को कोसते तो कभी पीएमसीएच की कुव्यवस्था को. 

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सारण जिला के मकेर थाना क्षेत्र के भाथा नोनिया टोली व भेल्दी थाना क्षेत्र के सोनहो भाथा गांव में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 17 से ज्‍यादा लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. इधर इस घटना से हड़कंप मचा है. पुलिस ने शराब बेचने के आरोपित को गिरफ्तार भी किया है. साथ ही लापरवाही को लेकर मकेर थानेदार नीरज मिश्रा एवं फुलवरिया भाथा के चौकीदार को सस्‍पेंड कर दिया गया है.

दरअसल, पिछले दिनों ही जदयू के पटना कार्यालय में एक बैठक के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खाना मंगवाया गया था. जब पार्टी ऑफिस में एक एम्बुलेंस घुसा तो पहले सब भौचक्क हो गए. लेकिन वहां मौजूद लोगों को उससे भी बड़ा झटका तब लगा जब 'महावीर केंसर संस्थान' लिखे एम्बुलेंस से खाने के पैकेट उतारे गए. ऐसे में अब लोग यह भी पूछ रहे हैं कि जब जदयू के कार्यालय में एम्बुलेंस पर खाना आता है तो क्या आम लोगों को शव ले जाने के लिए भी  एम्बुलेंस वाहन नहीं मिल सकता है. 



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