शर्मनाक! हवसी शिक्षक मासूम छात्र को करता रहा बैड टच, पोल खुलने के डर से हॉस्टल में रस्सी से गला दबाकर मार डाला

BHAGALPUR : भागलपुर के सबौर रेलवे स्टेशन के पास एक निजी विद्यालय के छात्रावास में रविवार को हुई छात्र की मौत मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया. नौनिहाल छात्र के साथ एक शिक्षक बैड टच करता था. और उसे जब इस बात की आशंका हुई कि बच्चा अपने परिजनों को उसकी असलियत और काली करतूत बता देगा तो इज्जत जाने के डर से उसने अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर बच्चे को मार डाला. 

बैड टच करता था टीचर, रस्सी से गला दबा कर बच्चे को मार डाला

डीएसपी विधि व्यवस्था डॉ गौरव कुमार ने बताया कि वरीय पुलिस अधीक्षक की निगरानी में गठित टीम ने खुलासे में सफलता पायी है. तकनीकी अनुसंधान एवं गुप्त सूचना के आधार पर मधेपुरा जिला के रतवारा थाना क्षेत्र के सोनामुखी बाजार शत्रुघ्न साह के पुत्र सुधांशु कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. हत्या में उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. घटना का कारण मृतक के साथ बैड टच करना बताया गया है. जब यह आशंका हुई कि सुधांशु परिजन को बैड टच की जानकारी दे देगा तो अपने एक सहयोगी के साथ आठ वर्षीय निखिल की रस्सी से गला दबा कर हत्या कर दी. हत्या में उपयोग हुई रस्सी भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. 

हत्या मामले में स्कूल के प्रिंसिपल सहित 5 हैं नामजद

सनद रहे कि मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र के गुरहट्टा चौक निवासी मृतक निखिल कुमार (8) के पिता विजय कुमार दास के द्वारा सबौर थाने में हत्या का आरोप लगाते हुए 5 लोगों विद्यालय के प्रिंसिपल दिलीप कुमार, शिक्षक सागर कुमार, सुधांशु कुमार, वार्डन अंकित कुमार और छात्र आदित्य कुमार को नामजद करते हुए केस दर्ज कराया था. टीम बनाकर मामले का तकनीकी अनुसंधान और गुप्त सूचना के आधार पर घटना के खुलासा में पुलिस को सफलता मिली.

डीएसपी के नेतृत्व में गठित थी जांच टीम

पुलिस के द्वारा गठित टीम में पुलिस उपाधीक्षक डॉ गौरव कुमार, सबौर थानाध्यक्ष पवन कुमार सिंह, औद्योगिक प्रक्षेत्र थाना जीरोमाइल के थानाध्यक्ष कौशल भारती, टीओपी बाइपास थानाध्यक्ष ओम प्रकाश कुमार, सबौर थाना के पदाधिकारी एसआइ मो आसिफ अख्तर, एसआइ धर्मेंद्र कुमार, एसआइ प्रतिमा कुमारी, एएसआइ इंद्रजीत सिंह सहित पुलिस बल शामिल थे.

क्या हो गया शिक्षकों को, बन रहे हैं हत्यारे

जहां भागलपुर में एक शिक्षक ने ही आठ साल के निखिल की हत्या की। वहीं कुछ दिन पहले ही पटना में 12 साल के तुषार की हत्या भी एक शिक्षक ने की थी। दोनों बच्चों को उन शिक्षकों ने पढ़ाया था, बाद में उन्होंने ही दोनों बच्चों की हत्या की। ऐसे में अब सवाल बिहार के शिक्षकों पर भी उठ रहा है कि आखिर बच्चों के प्रति उनकी मानसिक दशा इतनी हैवानियत दिखाने के लिए कैसे मजबूर कर रही है।