PATNA-
बिहार के
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए राजद नेता शिवानंद तिवारी का दर्द आज फिर से छलक
उठा। रविवार को शिवानंद तिवारी ने अपने 4 साल पुराने एक बयान को फिर से
जारी किया है। शिवानंद फिर से कह रहे हैं कि उनके शिष्य नीतीश कुमार ने समय पर गुरु
की सलाह मान ली होती तो आज ये दिन देखना नहीं प़ड़ता।
नीतीश मेरे ही शिष्य लेकिन हैं पुराने अंहकारी
शिवानंद तिवारी का कहना है कि नीतीश कुमार उनके ही शिष्य थे।
नीतीश को 1978 में उन्होंने ही बिहार युवा
जनता का अध्यक्ष बनाया था। उस समय नीतीश का परिचय अखबारों में शिवानन्द गुट के
अध्यक्ष के रूप में छपता था। बकौल शिवानंद तिवारी, नीतीश को जब-जब ताकत मिलती है, अहंकार उनके सिर पर सवार हो जाता रहा है। सामने वाले को नीचा
दिखाने की उनकी पुरानी आदत रही है।
नरेंद्र मोदी से पहले ही किया था आगाह
दरअसल, शिवानंद तिवारी ने आज अपने उस
बयान को शेयर किया है जो उन्होंने तब लिखा था जब नीतीश कुमार ने राज्यसभा चुनाव
में उनका टिकट काट दिया था। 2014 में राजगीर में हो रहे जेडीयू
के सम्मेलन में शिवानंद तिवारी ने कहा था कि नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी को हल्के
में नहीं लें। मोदी की रणनीति के खिलाफ ठोस काम करने की जरूरत है। तब नीतीश कुमार
भाजपा के खिलाफ अलग ताल ठोंक रहे थे। शिवानंद तिवारी ने उन्हें सचेत किया था।
लेकिन इससे नीतीश खफा हो बैठे। राज्यसभा चुनाव में शिवानंद तिवारी का टिकट काट
दिया गया था।
अब क्यों नीतीश के लिए परेशान हैं बाबा
सवाल ये उठ रहा है कि शिवानंद तिवारी ने चार साल पुराने
वाकये को आज क्यों शेयर किया है। क्या अब भी उनके दिल में नीतीश के लिए दर्द है या
फिर वे नीतीश कुमार के जख्मों पर नमक डाल रहे हैं। शिवानंद तिवारी फिलहाल राजद के
उपाध्यक्ष और लालू प्रसाद यादव के कुनबे के मुख्य सलाहकार हैं। उनके बेटे राहुल
तिवारी राजद के विधायक हैं। वैसे वे लंबे अर्से तक नीतीश कुमार के साथ रहे हैं।
सियासी हलकों में चर्चा ये भी है क्या शिवानंद तिवारी फिर से लालू-नीतीश की दोस्ती
की पहल कर सकते हैं। हालांकि राजद के राजकुमार तेजस्वी यादव जेडीयू से दोस्ती की
संभावना को सिरे से खारिज कर चुके हैं।