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स्पीकर विजय सिन्हा की चेतावनी- हमें अधिकार की जानकारी है, सिर्फ मर्यादा का पालन कर रहे..पावर का दुरूपयोग नहीं करना चाहते वरना....

स्पीकर विजय सिन्हा की चेतावनी- हमें अधिकार की जानकारी है, सिर्फ मर्यादा का पालन कर रहे..पावर का दुरूपयोग नहीं करना चाहते वरना....

PATNA: सुशासन की पुलिस से आम ही नहीं बल्कि खास लोग भी परेशान हैं। पुलिस अधिकारियों से रवैये से विधानसभा अध्यक्ष काफी खफा हैं। लखीसराय में सरस्वती पूजा के दौरान पुलिस की करतूत व पुलिस अधिकारियों द्वारा उसका बचाव करने से क्षुब्ध अध्यक्ष विजय सिन्हा ने डीजीपी को पूरे मामले पर जांच करने को कहा है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर  विस अध्यक्ष ने अपने अधिकार का दुरूपयोग किया तो फिर मुश्किल हो जायेगी। अध्यक्ष विजय सिन्हा ने साफ कहा कि गैरजिम्मेदार अधिकारियों को फिल्ड से बाहर का रास्ता दिखाने का वक्त आ गया है। उन्होंने सभी विधायकों से भी आह्वान किया कि वैसे गैरजिम्मेदार अफसरों को चिन्हित कर सबूत के साथ सरकार को जानकारी दें। सरकार भी वैसे अधिकारियों को बाहर करे। 

सुशासन की पुलिस पर बिफरे स्पीकर

पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए विस अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा सुशासन के नाम पर लोगों को प्रताड़ित करने माननीयों की बात को तवज्जो नहीं देने की शिकायत लगातार मिलती है। लखीसराय में तो पुलिसवालों की करतूत तो हमने खुद देखा। इस तरह की बात लगातार हो रही है। पहले भी हुआ है। लखीसराय में जो कुछ हुआ उस मामले को सरकार के संज्ञान में दिया गया है। इस मुद्दे पर सरकार के अधिकारियों से बात हुई है। 

कुशासन लाने में लगे अफसरों को बाहर करना होगा

स्वीपकर ने कहा कि अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये का मुद्दा कई दफे सदन में भी आया है.  अधिकारियों को सुशासन की स्थापना के लिए ईमानदारी के साथ काम करना होगा। जो सही में अपराधी है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। खानापूर्ति के नाम पर कुशासन लाने का और दुशासन के मनोबल को बढ़ाने का खेल बंद होना चाहिए। यह खेल बर्दाश्त नहीं होगा। सरकार को भी वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की जरूरत आ गई है। 

सिर्फ मर्यादा का पालन कर रहे

बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जरूरी हो गया है कि एक वातावरण बने। अध्यक्ष के नाते हम कह सकते हैं कि अध्यक्ष के पावर की जानकारी सभी माननीयों को है। आसन इसका दुरूपयोग नहीं करे य़ा करना नहीं चाहता है. इस मर्यादा  का सिर्फ हम पालन करते हैं। लोग अगर इसे हल्के में लेंगे तो यह उचित नहीं होगा.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अब तक कई दफे खुद बैठक कर सुशासन स्थापित करने को लेकर निर्देश दिये हैं। ऐसे में माननीयों का भी धर्म और फर्ज है वैसी मानसिकता के अधिकारियों को चिन्हित कर प्रमाण के साथ सरकार को दें ताकि उन्हें फिल्ड से बाहर किया जा सके।

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