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देश का ऐसा शिव मंदिर, जहां रात में रुके तो आप बन जाएंगे पत्थर

देश का ऐसा शिव मंदिर, जहां रात में रुके तो आप बन जाएंगे पत्थर

NEWS4NATION DESK : विश्व में कई जगहें ऐसी हैं जिन्हें लोग भूतिया मानते हैं और रात में उन जगहों पर रूकने की मनाही होती है. भारत में भी ऐसे कई किले हैं जहां पर रात को रूकना मना है. 

आइए आज हम आपको बताते है देश के एक ऐसे ही शिवमंदिर के विषय में जहां रात को रुकना मना है.

राजस्थान के बारमेड़ में स्थित किराड़ू मंदिर की कलाक्रीति सदियों पुरानी है. किराड़ू भगवान शिव का मंदिर है और यहां 11वी शताब्दी के शिलालेख आज भी मौजूद हैं. किराड़ू मंदिर को लघु खजुराहो भी कहा जाता है। 

यह मंदिर अपने अंदर एक रहस्य सिमेटे हुआ है जिसके लिए पूरे विश्व में इसकी एक अलग ही पहचान है. इस मंदिर के बारे में प्रचलित है कि रात में जो भी इसमें ठहरता है वो पत्थर का बन जाता है. जिसकी वजह से इस मंदिर में रात में रुकने की मनाही है. 

स्थानिय निवासियों का मानना है कि इस मंदिर को एक ऋषी ने श्राप दिया था जिसके कारण माना जाता है कि जो भी रात में इस मंदिर में ठहरता हैं वो पत्थर का बन जाता है.

लोक मान्यताएं हैं कि सदियों पहले एक ऋषी अपने शिष्यों के साथ किराडू मंदिर आए थे. साधु कुछ दिनों की तपस्या के लिए मंदिर छोड़कर गांव वालों के भरोसे अपने शिष्यों को छोड़कर गए थे. साधु को लगा कि जिस तरह से गांव वाले उनकी देखभाल करते हैं उसी तरह उनके शिष्यों का भी ख्याल रखा जाएगा. 

कहा जाता है कि साधु की उनुपस्थिति में शिष्यों का स्वास्थ्य खराब हो गया, लेकिन कोई भी गांव वाला उनकी सहायता करने नहीं आया. ऋषी जब अपनी तपस्या करके वापस लौटे तो उन्होंने अपने शिष्यों के स्वास्थ्य की जानकारी ली. साधु को उनके शिष्यों ने बताया कि लोगों ने उनकी कोई सहायता नहीं कि जिस पर क्रोधित होकर साधु ने कहा कि यहां के लोग पत्थल दिल के हैं वह इंसान बने रहने के योग्य नहीं हैं इसलिए उन्होंने सबको पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया. जिसके बाद गांव में एक महिला को छोड़कर सभी लोग पत्थर के बन गए.

मान्यता है कि पूरे गांव में केवल एक वही महिला था जिसने साधु के शिष्यों की मदद की थी इसलिए साधु ने इस महिला को गांव छोड़कर कहीं चले जाने को कहा था. साथ ही साधु ने उस महिला को कहा था कि वो गांव छोड़कर जाते समय पीछे मुंडकर ना देखे।

लेकिन कहा जाता है कि उस महिला के मन में संदेह हुआ कि तपस्वी की बात सच भी है या नहीं. इसीलिए उसने पीछे मुड़कर देखा जिसके कारण वह भी पत्थर की बन गयी. 

किराडू मंदिर से कुछ दूरी पर बसे सिहणी गांव में आज भी उस महिला की पत्थर की मूर्ति को देखा जा सकता है जिसके कारण इस मंदिर की कहानी को सही माना जाता है.

किराडू मंदिर भले ही अपनी बुरी कहानियों के लिए प्रचलित हो लेकिन इस मंदिर की कलाक्रीति सदियों पुरानी है. किराड़ू भगवान शिव का मंदिर है और यहां 11वी शताब्दी के शिलालेख आज भी मौजूद हैं. किराड़ू मंदिर को लघु खजुराहो भी कहा जाता है.


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