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रिश्वत का वीडियो वायरल होने के बाद कर्मचारी ने निजी मुंशी को पहचानने से किया इंकार, सीओ ने कहा होगी कार्रवाई

रिश्वत का वीडियो वायरल होने के बाद कर्मचारी ने निजी मुंशी को पहचानने से किया इंकार, सीओ ने कहा होगी कार्रवाई

SUPAUL : जिले के छातापुर प्रखंड के हल्का कर्मचारी के प्राइवेट मुंशी का रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ताजा मामला छातापुर प्रखंड अंतर्गत लक्ष्मीनिया पंचायत की है। जहां पंचायत के हल्का कर्मचारी जय शंकर शर्मा के निजी मुंशी किशोर कुमार के द्वारा एक व्यक्ति से दाखिल खारिज कराने के नाम पर 5500 रूपया मांग की गयी। जिसमें लाभार्थी के द्वारा 4000 निजी मुंशी को दे दिया गया। 1500 बाकी रह जाने की बात का नोकझोंक होने लगा। उसी दौरान किसी ने वीडियो बना लिया। वीडियो में साफ-साफ मुंशी 500 के नोट करीब 4000 गिन कर पैकेट में रखते हैं और दाखिल खारिज कराने वाले व्यक्ति को कहते हैं कि पंद्रह सौ और देना होगा। तब जाकर कर्मचारी हस्ताक्षर करेंगे। जमीन मालिक कहते हैं की अब हम एक हजार ही देंगे। 

इधर वीडियो वायरल होने से अंचल छातापुर कार्यालय में खलबली मची है। छातापुर में घुस लेन देन का मामला कोई नया नहीं है। इससे पूर्व भी कई अधिकारी निगरानी विभाग के हथकंडे चढ़ चुके है। इस मामले को लेकर जब निजी मुंशी से पूछा गया उन्होंने मौन धारण कर लिए। जब हल्का कर्मचारी जय शंकर मिश्रा पूछा गया तो उन्होंने अपने निजी मुंशी को पहचानने से इंकार कर दिया। कहां मेरे कार्यालय का यह वीडियो नहीं है। हालाँकि बताया जा रहा है की प्राइवेट मुंशी के पास सरकारी दस्तावेज भी टेबल पर रखे नजर आ रहे हैं। वीडियो हल्का कर्मचारी का कार्यालय की है जहां उस कार्यालय में कई लोग मौजूद थे। 

इतना ही नहीं जब अंचलाधिकारी छातापुर उपेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा की उस मुंशी को हटा दिया जाएगा। हैरानी की बात यह हल्का कर्मचारी कहते हैं मेरा मुंशी नहीं है लेकिन अंचल अधिकारी छातापुर कहते हैं वे जय शंकर मिश्रा के निजी मुंशी है उनको हटा दिया जाएगा। जब उनसे कार्रवाई की बात पूछा गया तो उन्होंने कहा की कोई सरकारी कर्मचारी थोड़ी है। वह निजी लोग हैं। इन साहब की बातों से आप अंदाजा लगा सकते हैं।  इसके पीछे सच्चाई क्या है। हल्का कर्मचारी की बात सच्चाई है या अंचलाधिकारी के बात सच्चाई है। अब समझ से परे है की सरकारी कागजातों को निजी लोगों को सौपने का अधिकार इन कर्मचारी और अंचल अधिकारी को किसने दिया या। यह तो जांच का विषय है।

वायरल वीडियो कोई पुराना नहीं, बल्कि 18 सितम्बर की बताई जा रही है। कार्यालय खोलकर मुंशी कार्य कर रहे थे। जबकि उस समय हल्का कर्मचारी कार्यालय से गायब थे। एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टारलेंस की नीति अपना रखी है। इसके बावजूद विभागों में निचले स्तर पर भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है की इन सभी हल्का कर्मचारी के द्वारा एवं अंचल कार्यालय में यह सभी लोग अपने स्तर से प्राइवेट मुंशी रख लिए हैं। इन्हीं के माध्यम से काम कराने आने वाले लोगों से रिश्वत वसूल कर ली जाती है। वह लोगों के काम कराने के एवज में सीधे सीधे रिश्वत की मांग करने लगता है। यह लोगों से प्रमाण पत्र तथा अन्य कागज व प्रमाण पत्र बनाने के लिए अवैध  वसूली कर रहा है। काम कराने के लिए लोगों से मन चाहा पैसा लेते हैं. आम लोगों को मजबूरी में थक हार कर देना पड़ता है इस पूरे मामले में यह देखना दिलचस्प होगा वरिया अधिकारी किस तरह से कार्रवाई करते हैं। हालाँकि NEWS4NATION इस वायरल विडियो की पुष्टि नहीं करता है। 

सुपौल से पप्पू आलम की रिपोर्ट

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