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16 घंटे बिजली मिलने के दावे पर धरने पर बैठे किसानों ने बता दी सच्चाई, सरकार के लिए कहा- अन्नदाताओं का लगेगा श्राप

16 घंटे बिजली मिलने के दावे पर धरने पर बैठे किसानों ने बता दी सच्चाई, सरकार के लिए कहा- अन्नदाताओं का लगेगा श्राप

MASAURHI : एक तरफ बिहार में नीतीश सरकार खुले मंच से यह घोषणा करती है कि ग्रामीण इलाकों में 16 घंटे बिजली दी जा रही है। गांव में हर घर में पानी उपलब्ध कराई जा रही है। सिंचाई के लिए सब्सिडी दी जा रही है। लेकिन इन योजनाओं की जमीनी हकीकत खुद पटना जिले में ही किसान खोल रहे हैं। जो अपनी समस्याओं को लेकर मुखिया के साथ मसौढ़ी नौबतपुर मार्ग पर धरने पर बैठ गए हैं। जिसके कारण रूट पर गाड़ियों की आवाजाही ठप हो गई है। 

प्रदर्शन में शामिल कराय पंचायत के मुखिया पिंकू कुमार ने कहा कि हमारे पंचायत के किसान काफी परेशान हैं। मुखिया का कहना है गांव में बिजली है, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। लेकिन बिजली विभाग के लापरवाही के कारण यह सिर्फ दिखावे तक सीमित हो गया है। क्योंकि वोल्टेज इतना कम रहता है कि खेतों में सिंचाई तो दूर, नल जल योजना के लिए पंचायत में मोटर भी नहीं चल पाता है। वहीं बिजली विभाग की मनमानी ऐसी है कि एक बल्ब जलाने पर 20 हजार का बिजली बिल थमा दिया जाता है। पदाधिकारी किसानों की समस्या को सुनने को तैयार नहीं हैं। 

एक ही फीडर से पुनपुन तक बॉर्डर तक सप्लाई

मुखिया ने लो वोल्टेज की समस्या का मुखिया फीडर पर अधिक लोड को बताया है। उनका कहना है कि एक ही फीडर से खरांध, चरमा, कराई पंचायत से लेकर पुनपुन बॉर्डर तक बिजली सप्लाई की जाती है। अधिक लोड के कारण किसी भी पंचायत में पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पाता है। 

सड़क पर पंचायत के लोगों के साथ धरने पर बैठे मुखिया ने मांग की है कि ग्राम पंचायत खराट में बिजली आपूर्ति के लिए अलग से बिजली फीडर का व्यवस्था किया जाए।जिस फीडर से अगल बगल के सभी पंचायतों को जोड़ बिजली की उचित वयवस्था हो सके।

अन्नदाता का लगेगा श्राप

मुखिया ने कहा किसी भी देश में वहां का अन्नदाता महत्वपूर्ण होता है। अगर वह खुश नहीं है तो कोई खुश नहीं है। अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो अन्नदाता के श्राप से सरकार को कोई नहीं बचा सकता है। 


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