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पूरे बिहार में एक साथ शुरू होगा भूमि सर्वेक्षण का काम, एक सप्ताह में 10 हजार पदों पर निकलेगी बहाली

पूरे बिहार में एक साथ शुरू होगा भूमि सर्वेक्षण का काम, एक सप्ताह में 10 हजार पदों पर निकलेगी बहाली

पटना. शास्त्री नगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में बंदोबस्त पदाधिकारियों की मासिक बैठक हुई। इसमें भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव के ब्रजेश मेहरोत्रा ने बिहार के 20 जिलों में चल रहे भूमि सर्वेक्षण का काम को समय पर पूरा करने के लिए बंदोबस्त पदाधिकारियों को कई जरूरी दिशा निर्देश दिये हैं। प्रथम चरण के सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को कहा गया है कि वो अपने जिलों में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के काम में प्रारूप प्रकाशन का काम हर हाल में फरवरी तक पूरा कर लें। फरवरी के बाद पूरे बिहार में सर्वे कर्मियों की नये तरीके से पोस्टिंग की जाएगी। फिलहाल प्रथम चरण के 20 जिलों के 89 अंचलों में भूमि सर्वेक्षण के विभिन्न चरणों का काम चल रहा है, जहां कुल 208 शिविरों के अंतर्गत 4989 गांवों में प्रारूप प्रकाशन का काम फरवरी, 2023 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

पूरे बिहार में एक साथ शुरू होगा भूमि सर्वेक्षण का काम

अगले साल शिविरों की संरचना में भी परिवर्तन किया जाएगा। पूरे बिहार के सभी 534 अंचलों को शिविर के समतुल्य कर दिया जाएगा। अर्थात छोटा हो या बड़ा हरेक अंचल में सिर्फ एक शिविर होगा और हरेक शिविर में एक शिविर प्रभारी/सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 2 कानूनगो, 2 लिपिक और हर 4 मौजा/गांव पर एक अमीन की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही अगले साल के शुरू में पूरे बिहार में एक साथ भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस काम को अगले 2 साल में यानि 2024 के आखिर तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

बैठक में भू- अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह और सहायक निदेशक अनिल कुमार सिंह के साथ प्रथम चरण के जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, हवाई एजेंसियों के प्रतिनिधि और सभी जिलों के नोडल पदाधिकारी उपस्थित थे। जिन 89 अंचलों में भूमि सर्वेक्षण का काम जारी है, वहां 208 शिविर बनाया गया है। अभी 30 से 40 मौजों पर एक शिविर का निर्माण किया गया है। ऐसे में छोटे अंचल में एक तो बड़े अंचलों में 3 से 4 शिविर कार्यरत हैं। हरेक शिविर में 1 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 1 से 2 कानूनगो, 1 लिपिक और औसतन 2 मौजा पर एक विशेष सर्वेक्षण अमीन की प्रतिनियुक्ति की गई है।

10 हजार संविदा पर बहाली

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अगले एक सप्ताह में 10 हजार संविदा आधारित पदों का विज्ञापन निकाला जा रहा है। इसमें 8200 पद सिर्फ अमीन के होंगे। इसके अलावा बाकि के पद विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो और लिपिक के रखे गए हैं। इनकी बहाली के बाद फरवरी माह में इनको प्रशक्षित कर बिहार के सभी 38 जिलों मे तैनात कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वे के तत्काल बाद चकबंदी कार्य पूरा करने की योजना है। चकबंदी का काम भी इन्हीं कर्मियों से कराया जाएगा।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण को जल्द से जल्द पूरा करना महागठबंधन सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए हमारी सरकार हर संभव कदम उठा रही है। उम्मीद है कि 10,000 सर्वे कर्मियों की बहाली से निर्धारित समय सीमा के भीतर भू सर्वे के काम को पूरा कर पाना संभव होगा। भू-अभिलेख और परिमाप निदेशक जय सिंह ने प्रथम चरण के सभी 89 अंचलों में भूमि सर्वे के काम की विस्तार से समीक्षा की। फिलहाल इस चरण के 4989 गांवों में से 93.4 फीसदी गांवों में ग्राम सीमा सत्यापन और 85 फीसदी गांवों में किस्तवार का काम पूरा कर लिया गया है। 1323 गांवों में खानापुरी का काम पूरा करके 450 गांवों में प्रारूप का प्रकाशन कर दिया गया है। अगले फरवरी तक सभी 4989 गांवों में प्रारूप प्रकाशन का लक्ष्य सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को दिया गया है।


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