AURANGABAD : औरंगाबाद एनटीपीसी और बीआरवीसीएल एनटीपीसी की दोनों बिजली परियोजना के टाउनशिप एरिया में सीआइएसएफ के सहायक कमांडेंट राजीव कुमार ठाकर समेत आठ अधिकारियों के क्वार्टर से चोरों ने करीब 50 लाख से ऊपर के जेवरात और नकदी समेत अन्य सामान चुरा ले गए। दोनों बिजली परियोजना के अधिकारियों के क्वार्टर में हुई चौरी को सूचना आज मिली।
सुरक्षा में तैनात सीआइएसएफ के सहायक कमांडेंट राजीव कुमार ठाकुर के एनपीजीसी परियोजना के टाउनशिप परिसर स्थित क्वार्टर से चोरों ने करीब दस लाख के जेवरात और नकदी 30 हजार रुपये चुराया है। परियोजना के टाउनशिप एरिया में स्थित सीआइएसएफ के सहायक कमांडेंट के क्वार्टर में घटना की रात कोई परिवार नहीं थे। क्वार्टर में बीआरवीसीएल के अधिकारियों के क्वार्टर में चोरी सहायक कमांडेंट और उनकी पत्नी शुभा ठाकुर रहते हैं। घटना की रात क्वार्टर बंद कर दोनों परिवार बीआरबीसीएल बिजली परियोजना गए थे। क्वार्टर बंद देख चोरों ने ताला तोड़कर अंदर घुसे और तीनों कमरे का कुंडी तोड़कर कमरे में रखे गोदरेज के लाकर में रखे गए जेवरात और नगदी रुपये को चुरा लिया।
चोरों ने कमरे के अंदर रहे दीवान से लेकर अलमीरा को तोड़ दिया। सभी समान को कमरे में इधर-उधर बिखेर दिया और चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। क्वार्टर में चोरी की सूचना सहायक कमांडेंट को आज मिली। सीआइएसएफ के जवान रजत गिरी जब सहायक कमांडेंट के क्वार्टर की तरफ गए तो ताला टूटा देखा। इसकी सूचना अपने कंपनी के सहायक उपनिरीक्षक बीके सिंह को दिया। जय जवान क्वार्टर के अंदर गया तो कमरा खुला पाया। गोदरेज के साथ अलमोरा और दीवान पलंग टूटा देखा।
सूचना मिलने के बाद सहायक कमांडेंट पत्नी के साथ क्वाटर में पहुंचे तो देखा कि चोरों के द्वारा सभी जेवरात, नगदी और चांदी के सिक्के समेत अन्य सामान चुरा ले गए हैं। घटना की सूचना पर नगरीकरला थाना पुलिस पहुंचकर मामले की जांच की। पुलिस ने बताया कि मामले में सहायक कमांडेंट के द्वारा दिए गए आवेदन पर प्राथमिको कर घटना की तहकीकात की जा रही है। एनटोपीसा खैरा थानायक्ष मनोज कुमार ने बताया कि गोरी हमले में अबतक आवेदन नहीं दिया गया है। कितना का सामान चोरी गया है क्वार्टर में रहने वाले अधिकारियों के आने के बाद बताने के बाद ही पता चलेगा। बता दें कि दोनों परियोजना के पूरे टाउनशिप एरिया की सुरक्षा सीआइएसएफ के हवाले है। हर जगह सीआइएसएफ के जवान सुरक्षा में तैनात रहते हैं। परियोजना के अंदर जाने से लेकर बहर निकलने वाले लोगों की जांच और पूछताछ की जाती है फिर भी यह लाखों की चोरी कैसे हुई यह अपने आप मे एक बड़ा सवाल है।
औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट