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सियासी 'मंडी' में 'क्वीन' और 'किंग' के बीच होगी जंग, क्या कंगना को परास्त कर पाएंगे विक्रमादित्य?

सियासी 'मंडी' में 'क्वीन' और 'किंग' के बीच होगी जंग, क्या कंगना को परास्त कर पाएंगे विक्रमादित्य?

शिमला: हिमाचल में मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को चुनावी रण में उतारा है. तो  भाजपा ने सिने तारिका कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब मंडी में चुनावी मुकाबला बॉलीवुड क्वीन बनाम बुशहर रियासत के राजा विक्रमादित्य सिंह के बीच हो रहा है. मंडी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. 

कंगना रनौत चार लोकसभा सीटों वाले छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल देश की राजनीति में मंडी सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है. वहीं, कांग्रेस में हुए लंबे मंथन के बाद भी कंगना के मुकाबले में हिमाचल सरकार के युवा कैबिनेट मंत्री को चुनाव मैदान में उतारा है. जिससे अब मंडी में समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं.  हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर ‘किंग’ और ‘क्वीन’ में सीधी जंग है. कांग्रेस के प्रभाव वाले इस संसदीय क्षेत्र पर पहली बार हिमाचल प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लोगों की नज़रें लगी हैं. बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत भाजपा के टिकट पर मंडी से चुनावी रण में हैं. उधर, पांच बार हिमाचल के सीएम रहे राजा वीरभद्र सिंह के बेटे और सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है.

अपने बयानों और सोशल मीडिया पर टिप्पणियों से सुर्खियों में रह चुकीं कंगना मूल रूप से मंडी की ही हैं.  कंगना का यह पहला चुनाव है, लेकिन भाजपा नेतृत्व का पूरा ‘आशीर्वाद’ उनके साथ है. मंडी सीट पर इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. हिमाचल में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा रहे और पांच बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कांग्रेस की मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य इस बार परिवार की परंपरागत सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह दो बार शिमला (ग्रामीण) से विधायक रह चुके हैं। उनके पिता चूंकि राजघराने से रहे, इसलिए हिमाचल के लोग उन्हें ‘राजा साहब’ कहकर ही बुलाया करते थे।

मंडी संसदीय सीट पर 1952 से लेकर अभी तक तीन बार उपचुनाव हो चुके हैं। संयोग से तीनों ही बार कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत हासिल की है। पहली बार 1952 में ही उपचुनाव हुआ तो कांग्रेस की राजकुमारी अमृत कौर ने चुनाव जीता। इसके बाद 2012 में वीरभद्र जब फिर से प्रदेश के सीएम बने तो उन्होंने मंडी लोकसभा सीट खाली की। 2013 में यहां हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद 2021 में उपचुनाव में प्रतिभा को फिर विजय मिली.मंडी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 17 हलकों में भरमौर, लाहौल और स्पीति, मनाली, कुल्लू, बन्जार, आनी, करसोग, सुंदर नगर, नाचन, सिराज, दरंग, जोगेंद्र नगर, मंडी, बल्ह, सरकाघाट, रामपुर और किन्नौर शामिल हैं.जनीति में कंगना की एंट्री से मंडी सीट अचानक से वीवीआईपी हो गई. देश भर के मीडिया में कंगना की एंट्री और उनके राजनीति बयान सुर्खिया बटौर रहा है. जिससे मंडी हॉट सीट बन गई है. देश भर की नजरें मंडी सीट पर आकर टिक गई हैं.


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