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बॉक्स ऑफिस का तो नई पता लेकिन दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ गई ये फिल्में, बाहुबली भी हुआ फेल

बॉक्स ऑफिस का तो नई पता लेकिन दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ गई ये फिल्में, बाहुबली भी हुआ फेल

भारत में सिनेमा का प्रचलन सदियों से चलता आ रहा है. देश के आजाद होने से पहले भी भारतीय सिनेमा सबको एंटरटेन करते आ रहा है. हिंदी सिनेमा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशो में भी लोग इसे देखना बेहद पसंद करते हैं. हिंदी सिनेमा तब से बनाई जा रही है जब एक भी स्टूडियो नहीं हुआ करता था. एक कैमरा से पूरी फिल्म बन जाती थी. सत्यजीत राय, बिमल रॉय, मृणाल सेन जैसे कई डायरेक्टर ने भारतीय सिनेमा को एक नयी पहचान दी। उन सदी में ज्यादातर वही फिल्मे बनाई जाती थी जो देश के लोगों पर बीतती थी. आज कुछ ऐसी फिल्मे है जिसे भले ही देश में उतना सफलता ना मिला हो पर इन्हे इंटरनेशनल अवार्ड से नवाजा गया है. तो चलिए आज आपको बताते है कि कौन से वह फिल्म है जिसे विदेशो में काफी सफलता मिली है. 


1. दो बीघा जमीन

इस फिल्म को 1954 में डायरेक्टर बिमल रॉय ने बनाई थी। फिल्म को भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोगों ने काफी पसंद किया था. इसे इंटरनेशनल अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। इसके अलावा फिल्म ने कांस फिल्म फेस्टिवल में Prix Internationale का अवॉर्ड जीता था।


2. पाथेर पांचाली

उन सदी के मशहूर डायरेक्टर सत्यजीत राय ने इस फिल्म को बनाया था. बता दें कि इस फिल्म को बनाने में उन्होंने कोई एक्टर का इस्तेमाल नहीं किया था और न ही इसकी शूटिन्ह स्टूडियो में की गयी थी. फिल्म को कई अवॉर्ड्स मिले थे और 1956 में हुए कांस फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को Palme d’Or for Best Human Document का अवॉर्ड मिला था।


3. अपराजितो

1957 में बनाइ गयी सत्यजीत रे की यह फिल्म को गोल्डन लॉयन अवॉर्ड से नवाजा गया था। इतना ही नहीं बल्कि यह फिल्म वेनिस फिल्म फेस्टिवल के लिए भी नॉमिनेट हुई थी। 


4. मदर इंडिया

1957 में रिलीज हुई यह फिल्म डायरेक्टर महबूब खान ने बनाया था. इस फिल्म को लोग चाह कर भी नहीं भूल सकते हैं. इस फिल्म के लिए नरगिस को Karlovy Vary International Film Festival में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था और अकेडमी अवॉर्ड में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज के लिए नॉमिनेट भी हुई थी।


5. दिल से

शाहरुख खान की इस फिल्म को बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में Netpac Award दिया गया था। डायरेक्टर मणि रत्नम की यह फिल्म 1998 में आई थी.


6. लंचबॉक्स

इरफान खान की इस फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में Critics Week Viewers Choice Award से नवाजा गया था। इतना ही नहीं डायरेक्टर रितेश बत्रा की यह फिल्म BAFTA में भी एंट्री हुई थी।


7. लगान

आशुतोष गोवारिकर की इस फिल्म को दुनिया भर के लोगों ने पसंद किया था। आमिर खान की इस फिल्म को अकेडमी अवॉर्ड में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। 


8. मसान

2015 में आई इस फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में Avenir Prize से नवाजा गया था। इस फिल्म के डायरेक्टर नीरज घेवन हैं. 

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