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बिहार के इन शिक्षकों को मिलेगा बकाया वेतन, बिहार सरकार ने जारी किए 251 करोड़

बिहार के इन शिक्षकों को मिलेगा बकाया वेतन, बिहार सरकार ने जारी किए 251 करोड़

पटना- राज्य के विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मियों को समय पर वेतन भुगतान न होना एक समस्या हैं. इनको कई माह से वेतन नहीं मिल रहा है,ऐसे में उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि पेंशन भुगतान और सेवानिवृत्ति लाभ भी विश्वविद्यालयों में महीनों तक अटके रहते हैं और अदालती मामलों में फंस जाते हैं.

बिहार के यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का लंबित वेतन जल्दी हीं मिलेगा. बिहार सरकार ने शिक्षक और अन्य कर्मियों के वेतन के लिए विश्वविद्यालयों को  251.56 करोड़ रुपये अनुदान के तौर पर जारी किए हैं.  अनुदान से विश्वविद्यालय बीते दो महीने से बकाया वेतन का भुगतान कर पाएंगे. शिक्षा विभाग ने शुक्रवार देर शाम अनुदान राशि जारी की .

शिक्षा विभाग आने वाले महीनों में बाकी का अनुदान भी जारी करेगा. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ,मुजफ्फरपुर को 31.17 करोड़ रुपये, एलएन मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा को 29.98 करोड़ रुपये और मगध विश्वविद्यालय,बोधगया को 28.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है.राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षक और अन्य कर्मचारियों को बीते जून महीने से वेतन नहीं मिला है.अब अगले कुछ दिनों में उनका बकाया वेतन मिल जाएगा.

बिहार सरकार ने बुधवार को पेंशन भुगतान के लिए 281.91 करोड़ रुपये का अनुदान भी जारी किया था, लेकिन वीकेएस विश्वविद्यालय,आरा और एलएन मिथिला विश्वविद्यालय में इससे सिर्फ जून महीने की पेंशन का ही भुगतान हो सका. जबकि अन्य विश्वविद्यालय में जून और जुलाई दो महीने के पेंशन का भुगतान किया गया है. विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन के लिए, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1230.22 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट को मंजूरी दे दी है.

वहीं डीएवी कॉलेज के अर्थशास्त्र के सेवानिवृत अध्यक्ष डॉ रामानंद पाण्डेय ने बताया कि समय पर पेंशन का भुगतान नहीं होने से पेंशनभोगी शिक्षकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. डॉ पाण्डेय ने कहा कि अवकाशप्राप्त शिक्षकों की उम्र ज्यादा होने के कारण उन्हें इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है, कई शिक्षक तो बाहर रह कर इलाज करा रहे हैं,ऐसे में पेंशन का भुगतान विलंब से होने के कारण कई लोगों के जान पर बन आती है. पूर्व आचार्य  डॉ रामानंद पाण्डेय ने जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है कि महीने की सात तारिख तक पेंशन का भुगतान कर देना होगा,इसके बावजूद सरकार उदासीन बनी हुई रहती है.

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