PATNA: 15वें वित्त आयोग की टीम बिहार के चार दिवसीय दौरे पर आज 30 सितंबर को पटना पहुंच गई है। यह टीम 4 अक्टूबर तक बिहार दौरे पर रहेगी। आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय आयोग की टीम इस दौरान नालंदा और राजगीर भी जायेगी। पटना में राजनीतिक दलों, उद्योग एवं वाणिज्य संगठनों, शहरी एवं पंचायत निकायों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक के साथ आयोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी बैठक करेगी। पांच सदस्यीय इस टीम में शशिकांत दास, डॉ.अनूप सिंह, डॉ. अशोक लाहिरी और डॉ. रमेशचंद शामिल हैं।
3 अक्टूबर को राजनीतिक दलों के साथ बैठक
एन के सिंह की अध्यक्षता में टीम एक अक्टूबर को त्रिस्तरीय निकाय प्रतिनिधियों के साथ टीम मीटिंग करेगी। जिसमें सुबह 10 बजे इंटर स्टेट एंड इंटर डिस्ट्रिक डिस्प्यूट पर चर्चा होगी। वहीं, दोपहर 3 बजे अर्बन बॉडीज के सदस्यों के साथ मीटिंग होनी है। जबकि 4 बजे रूरल बॉडीज सदस्यों के साथ मिटिंग होगी। जिसके बाद शाम 5 बजे आयोग की टीम बिहार म्यूजियम का विजिट करेगी। दो अक्टूबर को नालन्दा में फील्ड विजिट का है कार्यक्रम है। जिसके बाद तीन अक्टूबर को सीएम के साथ मीटिंग होनी है। जिसमें डिप्टी सीएम समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। वहीं, दोपहर ढाई बजे टीम राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेगी। जिसका आयोजन पुराना सचिवालय के सभागार में किया जाएगा।
सीएम करेंगे भोज का आयोजन
जानकारी अनुसार इस मौके पर स्टेट गेस्ट हाउस में सीएम नीतीश कुमार के तरफ से भोज का आयोजन किया जाएगा। वहीं, 4 अक्टूबर को सुबह साढ़े 10 बजे व्यवसायियों के साथ टीम की बैठक होनी है। इस बैठक के बाद साढ़े 11 बजे आद्री के साथ भी मीटिंग की होनी है। उसके बाद टीम दिल्ली के लिए रवाना होगी।
बिहार को विशेष दर्जे की मांग
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 2011 की जनगणना के आधार पर 15वां वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी और सहायता देने का निर्णय लिया है। केन्द्रीय करों से अभी राज्यों की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत है। बिहार इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग करेगा। राजनीतिक दलों की ओर से आयोग को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर संयुक्त ज्ञापन देने की तैयारी है। इसके लिए दो माह पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में दलीय नेताओं की बैठक हुई थी।आद्री को ज्ञापन तैयार करने की जिम्मेवारी मिली है।
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट