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TOKYO PARALYMPICS: पैरालिंपिक में भारत के नाम 11वां मेडल, हाई जंप में प्रवीण कुमार को मिली चांदी-सी सफलता

TOKYO PARALYMPICS: पैरालिंपिक में भारत के नाम 11वां मेडल, हाई जंप में प्रवीण कुमार को मिली चांदी-सी सफलता

N4N DESK: टोक्यो पैरालिंपिक 2020 भारत के लिए बेहद ही रोमांचक होता दिख रहा है। अबतक भारत को 10 पदक मिल चुके हैं, और यह सिलसिला थमने वाला नहीं है। शुक्रवार को प्रवीण कुमार ने भारत के लिए रजत पदक जीतकर मेडल की संख्या में इजाफा किया है। प्रवीण कुमार ने 18 साल की उम्र में पुरुषों के T-64 के हाईजंप में नया एशियन रिकॉर्ड स्थापित करते हुए 2.07 मीटर की कूद लगाकर दूसरा स्थान प्राप्त कर सिल्वर मेडल जीता है। 

इस इवेंट का ब्रूम-एडवर्ड्स जोनाथन ने 2.10 मीटर की कूद लगाकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया और ब्रॉन्ज मेडल के हकदार बने पोलैंड के लेपियाटो मासिएजो, जिन्होंने 2.04 मीटर की कूद लगाकर मेडल अपने नाम किया। भारत ने अबतक 2 गोल्ड, 6 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए हैं। पैरालिंपिक-2020 भारत के इतिहास मे सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा क्योंकि इससे पहले भारत ने रियो पैरालंपिक में 2 गोल्ड सहित 4 मेडल जीते थे।

दिल्ली के इस जांबाज का छोटा था एक पैर 

प्रवीण कुमार दिल्ली के रहने वाले हैं। उन्होनें पैरालंपिक में इसलिए क्वालीफाई किया क्योंकि वह आम लोगों से अलग हैं। उनका एक पैर दूसरे के मुकाबले बेहद ही छोटा है। उन्होंने अपनी इस कमजोरी को ताकत बनाया और अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर पैरालंपिक के मंच तक पहुंचे। प्रवीण स्कूल में वॉलीबॉल खेला करते थे लेकिन उनकी जंप भी बेहद अच्छी थी।

स्कूल से ही की थी हाई जंप की शुरूआत

एक बार उन्होंने स्कूल में हाई जंप में भाग लिया था और उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। इसके बाद उन्होंने इस खेल को संजीदगी से लेना शुरू किया और इसमे एक्सपर्ट हाने के लिए उन्होंने ट्रेनिंग भी ली। एक बार उन्होंने हाईजंप में भाग लिया और उसके बाद एथलेटिक्स कोच सत्यपाल ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में जाकर अभ्यास करने का सुझाव दिया। उसके बाद वे जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अभ्यास करने लगे। 

साल 2019 में जीता था रजत पदक

प्रवीण ने जुलाई 2019 में जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इसी साल नवंबर में सीनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वो चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने वर्ल्ड ग्रांड प्रीमियर में गोल्ड मेडल जीता था और हाई जंप में 2.05 मीटर का एशिया का रिकॉर्ड बनाया था। प्रवीण का लक्ष्य था कि उन्हें टोक्यो पैरालंपिक में 2.05 मीटर की छलांग लगानी है और उन्होंने 2.07 मीटर की छलांग लगाई। हालांकि, लॉकडाउन के कारण उनकी तैयारी बैहद प्रभावित हुई थी लेकिन उनका मनोबल नहीं टूटा था।

प्रधानमंत्री संग पैरालिंपिक की अध्यक्ष ने भी दी बधाई

पैरालिंपिक की अध्यक्ष दीपा मलिक एवं प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर प्रवीण कुमार को उनकी इस उपल्बधि पर ढेरो बधाईयां दीं। दीपा मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा भारत को प्रवीण पर बेहद ही गर्व है और उनका प्रदर्शन बेहद ही शानदार रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर के ज़रिये प्रवीन को खूब सराहते हुए कहा कि उन्हें प्रवीण पर बेहद गर्व महसूस हो रहा है और यह उनकी कड़ी मेहनत और अद्वितीय समर्पण का नतीजा है। यही नहीं उन्होंने प्रवीन कुमार के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।



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