पटना- बिहार के लोकसभा चुनाव में कुछ हॉट सीटों में पाटलिपुत्र भी ती. हो भी क्यों नहीं यहां से राजद सुप्रीमों की बड़ी पुत्री डॉ मीसा भारती चुनाव में ताल ठोंक रहीं थी. मीसा भारती ने दो बार के सांसद रहे रामकृपाल यादव को धूल चटा दिया. राजद सुप्रीमों लालू यादव ने इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था. मोर्चों की जिम्मेवारी संभाली लालू यादव के नजदीकी ने. उन्होंने चुनावी चौसर पर ऐसा चाल चली की भाजपा के प्रत्याशी रामकृपाल यादव चारों खाने चित्त हो गए. परिणाम यह की मीसा भारती ने चुनाव जीत लिया. रामकृपाल के किला को भेदना आसान नहीं था लेकिन इस दुरुह काम को बखूबी अंजाम दिया राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने.... अब लालू ने भाई वीरेंद्र को इनाम से नवाजा है.
तेजस्वी यादव और लालू यादव के करीबी भाई वीरेंद्र के बारे में कहा जाता है कि वह बेबाक बोलते हैं. पाटलिपुत्र के ही मनेर से भाई वीरेंद्र विधायक हैं. भाई वीरेंद्र की रणनीति ने ऐसा काम किया कि बीजेपी के पांव पाटलिपुत्र से उखड़ गए. लालू यादव और तेजस्वी यादव ने भाई वीरेंद्र को विधानसभा की लोक लेखा समिति का सभापति बनवा दिया है. कथित तौर पर लेखा समिति का सभापति विधायक और लालू के बड़े लाल तेजप्रताप यादव को देने की चर्चा थी, लेकिन तेज प्रताप यादव की जगह राजद सुप्रीमों लालू ने भाई वीरेंद्र को इनाम देते हुए यह पद उन्हें दिलवा दिया.
भाई वीरेंद्र जो मनेर के विधायक हैं ने लालू की बेटी मीसा भारती के लिए जोरदार अभियान चलाया , मीसा भारती को जीत दिलाने की अपील की और परिणाम मीसा भारती ने जीत का परचम लहरा दिया. इससे पहले दो बार मीसा इस सीट से हार चुकी है.लालू ने अपनी छोटी बेटी रोहिणी आचार्य के लिए मैदान में निकले लेकिन बड़ी बेटी मीसा के चुनाव प्रचार का उत्तरदायित्व भाई वीरेंद्र को दिया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया . लालू ने भी निराश नहीं किया और भाई वीरेंद्र को विधानसभा की लोक लेखा समिति का सभापति बनवा दिया.