PATNA : उपेन्द्र कुशवाहा की
सियासी हसरतों की उड़ान को झटका लगता दिख रहा है। एनडीए से नाराज चल रहे उपेन्द्र कुशवाहा को महागठबंधन से जो
न्योता या है, वह काफी निराश करने वाला है। हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री
जीतन राम मांझी ने कहा है कि अगर उपेन्द्र कुशवाहा हमारी तरफ आते हैं तो हम उनका
स्वागत करेंगे। लेकिन उन्हें सीएम पद की मांग छोड़नी होगी। महागठबंधन में सीएम पद
के उम्मीदवार तेजस्वी यादव हैं। यह बहुत पहले से घोषित है। मांझी के इस बयान से
उनके दबाव की राजनीति की हवा निकल सकती है। ऐसा न हो कि कुशवाहा न घर के रहें न
घाट के। जाहिर है सीएम पद की वैकेंसी न एनडीए में है और न ही महागठबंधन में
है।
रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा, केन्द्र में मंत्री हैं
और अभी वे एनडीए का हिस्सा हैं। मोदी सरकार में मंत्री रहते हुए भी उन्होंने भाजपा
पर दबाव की राजनीति अख्तियार कर ली है। सीट शेयरिंग के मुद्दे के बाद अब रालोसपा
ने कुशवाहा को सीएम पद के उम्मीदवार बनाने की चर्चा शुरू कर दी है।
इस मांग से उपेन्द्र कुशवाहा के किसी भी गठबंधन में रहने पर सवाल खड़ा हो जाएगा। पहले लोकसभा चुनाव होना है। इस लिए सीएम पद के उम्मीदवार की मांग बेमौसम बरसात की तरह है।