वारंट किसी दूसरी कंपनी का, छापेमारी दूसरी कंपनी में! MLC सच्चिदानंद राय ने ईडी के अधिकारियों की समझ पर उठाए सवाल

वारंट किसी दूसरी कंपनी का, छापेमारी दूसरी कंपनी में! MLC सच्चिदानंद राय ने ईडी के अधिकारियों की समझ पर उठाए सवाल

PATNA : बिहार विधान परिषद में सारण से एमएलसी बने उद्योगपति सच्चिदानंद राय की कंपनी में होली के पहले हुई ईडी की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है। एमएलसी सच्चिदानंद राय ने उनके ठिकानों पर ईडी की छापेमारी पर सवाल उठाया है। सच्चिदानंद राय ने गुरुवार को कहा कि ईडी ने जिस कंपनी का हवाला देकर उनके कोलकाता स्थित कार्यालय पर छापेमारी की, उस कंपनी से उनका कोई रिश्ता ही नहीं है।

कंपनी के नाम पर ईडी को गलतफहमी

बिहार के सबसे अमीर एमएलसी में शामिल सच्चिदानंद राय ने कहा कि  ईडी ने मेसर्स ईडेन इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर सर्च वारंट लिया था, लेकिन सर्च सच्चिदानंद राय की कंपनी मेसर्स ईडेन रियलिटी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड में हुई। इस कंपनी के निदेशक सच्चिदानंद राय के पुत्र आर्य सुमंत और कुमार सत्यकी हैं।राय के अनुसार ईडी ने उनकी कंपनी ईडेन रियलिटी और उनके आवास से कुल 62.40 लाख रुपए जब्त कर लिए हैं।

खास बात यह है कि जिस कंपनी का वारंट उनके पास था, उससे करीब साढ़े ग्यारह साल पहले ही वे उस कंपनी से अलग हो चुके हैं।  राय ने बताया कि मेसर्स इडेन इंफ्राप्रोजेक्ट्स के निदेशक इंद्रजीत डे व अमिताभ पात्रा हैं। इंद्रजीत डे 18 नवंबर 2013 से और पात्रा 27 मार्च 2014 से कंपनी के डायरेक्टर हैं। वे इस कंपनी से 24 नवंबर 2011 को ही अलग हो चुके हैं।

ईडी के समझ पर उठाए सवाल

राय ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई किसी के इशारे पर की गई लगती है। कार्रवाई को देखने से यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि ईडी को पता ही नहीं था कि वह किसके यहां सर्च करने जा रही है।

गौरतलब है कि ईडी ने पश्चिम बंगाल की दो चिट फण्ड कंपनियों से जुड़े निदेशकों और लाभार्थियों के ठिकानों पर 1 मार्च को छापेमारी की थी। ईडी की छापेमारी के बाद सच्चिदानंद राय का नाम सामने आया था। ईडी ने यह कार्रवाई चिट फंड कंपनियों द्वारा निवेशकों से वसूले गए क्रमशः 156 करोड़ और 638 करोड़ रुपए की मनी लांड्रिंग के मामले में 1 मार्च को कोलकाता, सिलीगुड़ी , हावड़ा और आगरा में की थी। 

ईडी ने कार्रवाई के बाद कहा कि पिनकॉन ग्रुप और टावर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की दो चिटफंड कंपनियों के पंद्रह ठिकानों पर कोलकाता, सिलीगुड़ी, हावड़ा और आगरा में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट(पीएमएलए) के तहत छपेमारी की गई है।

ईडी ने यह कार्रवाई सीबीआई और पश्चिम बंगाल की पुलिस द्वारा इन दोनों चिट फंड कंपनियों पर निवेश की रकम की हेराफेरी के आरोप में पहले से दर्ज एफआईआर के आधार पर की है। इन कंपनियों ने ऊंची ब्याज दर और कम अवधि में पैसे दोगुने करने का प्रलोभन देकर निवेशकों से पैसे जुटाए थे। लेकिन जब पैसे वापस करने की बारी आयी तो मुकर गईं।

ईडी ने जिनके ठिकानों पर रेड डाली उनमे पिनकॉन ग्रुप और टावर ग्रुप के निदेशक मनोरंजन राय, हरि सिंह और लाभार्थी सुभ्रती बनर्जी,संजय बसु, मीना डे और रमेंदु चट्टोपाध्याय शामिल हैं । इनके साथ ही दूसरे लाभार्थी के तौर पर ईडी ने ईडन इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों इंद्रजीत डे और सच्चिदानंद राय के ठिकानों पर भी कार्रवाई की बात कही थी। ईडी ने इस कार्रवाई में कुल 1.27 करोड़ की नगदी जब्त की बात कही थी। राय के पुत्र आर्य सुमंत के आईफोन 12 मैक्स प्रो और उनके दूसरे पुत्र कुमार सत्यकी का लैपटॉप भी ईडी ले गई है।

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