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गया जिले की 2023 में क्या रही उपलब्धियां, जिला प्रशासन ने जारी किया ब्यौरा, पढ़िए पूरी खबर

गया जिले की 2023 में क्या रही उपलब्धियां, जिला प्रशासन ने जारी किया ब्यौरा, पढ़िए पूरी खबर

GAYA : साल 2023 के समाप्त होने में अब कुछ घंटे ही शेष बचे हैं। ऐसे में गया जिला प्रशासन ने पिछले एक साल की उपलब्धियां पेश की है। जिसमें कहा गया की  ऊर्जा संरक्षण और बिजली खर्च में कटौती के लिए महाबोधि मंदिर परिसर और बीटीएमसी कार्यालय भवन में सौर पैनल लगाए जा रहे हैं। कहा गया है की नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के तहत सौर पैनल सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं। यह एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जो गैर-नवीकरणीय संसाधनों पर निर्भरता को कम करता है। वहीँ महाबोधि मंदिर के समक्ष उत्तर-पश्चिमी दिशा में पुराने बी०टी०एम०सी० कार्यालय भवन के स्थल पर नया भवन अपने अनूठे स्थापत्य की विशेषताओं के साथ बनाया गया है। भवन की बाहरी तिरछी दिवारें महाबोधी मंदिर के शिखर शैली के स्थापत्य से प्रेरित है। भवन के स्थापत्य की संरचना इस उदेश्य से की गई है कि महाबोधी मंदिर का ऊपरी शिखर भाग सामने बनी 30 फीट ऊँची शीशे की दीवार से नजर आता है। भवन में प्रवेश करने के साथ 2000 Sqft. खुला प्रार्थना प्रांगण है जिसमें लगभग 100 व्यक्ति बैठ सकते हैं। सामने ही ऊँचे प्लेटफार्म पर बहते पानी के बीच पंचशील के पाँच स्वर्णिम कमल के नीचे बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है। प्रार्थना प्रांगण से ऊपर बने शीशे की छत से खुला नीला आकाश साफ दिखाई देता है और सामने महाबोधी मंदिर। भवन की रचना तल्लों में की गई है। जिसमें भूमिगत तल (बेसमेंट) 2. निचली मंजिल (Ground Floor) 3. प्रथम तल (First Floor) शामिल है। यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है। भवन के चारों ओर परिक्रमा पथ है। चहारदिवारी के अंदर 10 गाड़ीयों और 50 मोटरसाईकिल को लगाने का पार्किंग क्षेत्र भी है।

वहीँ डॉ भीम राव अम्बेदकर बालक आवासीय विद्यालय, मटिहानी, गया को 720 (सात सौ बीस) आवासीय क्षमता के उन्नयन फलस्वरूप नवीन छात्रावास भवन एवं प्रशासनिक -सह- विद्यालय भवन के हस्तानांतरण प्राप्त किया गया एवं विद्यालय में कम्प्यूटर कक्ष (20 नवीनतम क्षमता वाला), उन्नयन कक्षा (Smart Class), पुस्तकालय एवं विज्ञान के तीनों विषयों यथा जीवविज्ञान, भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र का प्रयोगशाला स्थापित किया गया है। साथ ही, विद्यालय में वर्ष 2023-24 से 10+2 का नामांकन एवं शिक्षण कार्य प्रारंभ किया गया है। जिला में तीन अन्य डॉ भीम राव अम्बेदकर बालक आवासीय विद्यालय, मनफर / शेरघाटी एवं महकार में विज्ञान विषयों का अलग-अलग यथा जीवविज्ञान, भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र का प्रयोगशाला स्थापित किया गया है। साथ ही उन्नयन कक्षा (Smart Class) एवं उन्नत कम्प्यूटर कक्ष स्थापित किया गया है। जिले में 720 (सात सौ बीस) क्षमता के तीन अन्य आवासीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति बेलागंज, डोभी एवं टिकारी प्रखंड के लिए प्राप्त हुई है। निर्माण कार्य निविदा के प्रक्रिया में है।

बिजली विभाग की बात करें की दिनांक 01.11.2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार स्टेट पावर ट्रॉसमिशन कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत 220 के०भी०ए०, बोधगया में नवविनता तकनीक के विकास के साथ साथ उपकेन्द्रों की सुरक्षा एवं सुचारू रूप से संचालन करने के लिए ग्रीड उपकेन्द्रों में Automatic System, SAS से आधुनिकीकरण करने की योजना का कार्य प्रारम्भ किया गया। साथ ही बिहार स्टेट पावर ट्रॉसमिशन कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत पुराने 220/132/33 के०भी० बोधगया ग्रीड उपकेन्द्र के जीर्णोधार एवं आधुनिकीकरण करने की योजना का प्रारम्भ किया गया। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड अंतर्गत शेष्घा ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मिटर अधिष्ठापन का कार्यारम्भ किया गया।

कृषि विभाग की उपलब्धियों के तौर पर बताया गया की गया जिले में 3237 हे० कृषि योग्य बंजर भूमि है। जिला प्रशासन के द्वारा किये गयी पहल से लगभग 100 एकड़ में लेमनग्रास लगायी गयी थी। पहल सार्थक रहा। किसानों को लेमनग्रास के उत्पादन से अच्छी आय हो रही है। जिला प्रशासन गया जिले के 500 एकड़ भूमि में लेमनग्रास की खेती कराने के लिये प्रयासरत है। इसी कड़ी में बाराचट्टी में 20, बॉके बाजार में 80 तथा गुरुआ में 40 एकड़ कुल 140 एकड़ भूमि पर वर्ष 2023-24 में लेमनग्रास लगाया गया। जबकि गया जिले का तिलकूट पूरे भारतवर्ष में मशहूर है। परंतु विडम्बना है कि तिलकूट निर्माण हेतु तिल बाहर के राज्यों से क्रय करना पड़ता है। कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन की पहल पर इस वर्ष गरमा मौसम में गया जिले के प्रत्येक प्रखंड में तिल की खेती प्रारम्भ की गयी। चयनित किसानों को उच्च गुणवत्ता के तिल बीज का प्रभेद GJT-5 उपलब्ध कराया गया। आत्मा, गया से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिले में 600 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में तिल की बुआई की गयी। तिल का उत्पादन काफी अच्छा हुआ। किसानों को तिल फसल के रुप में एक अच्छा विकल्प मिला है। आनेवाले दिनों में गया जिले में तिल क्रांति आयेगी। इससे किसानों के आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। वहीँ गया जिला के बीज उत्पादन हेतु प्रमाणित बीज की उपलब्धता पर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पहली बार जिले में गेहूँ एवं मसूर बीज उत्पादन हेतु दो सीड हब की स्थापना की गई है। गेहूँ फसल के लिये गुरारु प्रखंड अन्तर्गत डीहा एवं देवकली ग्राम एवं चना फसल के लिये अतरी प्रखंड अन्तर्गत बैरका ग्राम का चयन किया गया है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत जलवायु के बदलते परिवेश को ध्यान में रखकर पारम्परिक फसलों की जगह मक्का, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, चना, मसूर एवं राई सरसों फसलों के क्षेत्र विस्तार, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2023-24 में फसल विविधीकरण के तहत मक्का 4500 हे०, चना 18100 हे०, मसूर 22300 हे०, राई / सरसों 7300 हे० एवं तीसी 1800 हे० में फसल आच्छादन कराया गया है। 

जैविक खेती कोरिडोर योजना के तहत परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) वित्तीय वर्ष 2023-24 में गया जिला को 500 हेक्टेयर (कलस्टर 20 हे०) हेतु 25 कलस्टर में योजना का कार्यान्वयन किया जाना है। इस वित्तीय वर्ष में टिकारी, बोधगया, बाँके बाजार, फतेहपुर एवं टनकुप्पा प्रखंड में कलस्टर निर्माण हेतु चिन्हित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य पारम्परिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के मिश्रण के माध्यम से जैविक खेती के स्थायी मॉडल का विकास करना है ताकि मिट्टी की उर्वरता दीर्घकालिक रह सके। रसायनों का उपयोग किये बगैर मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना और जैविक खेती को अपनाकर रसायन की हानिकारण अवशेष से मुक्त फसल का उत्पादन करना जिससे उपभोक्ता एवं पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव पड़ें। PKVY का उद्देश्य इनपुट उत्पादन, गुणवत्ता युक्त उत्पादन तथा मुल्य संवर्धन और प्रत्यक्षण विपणन में कलस्टर दृष्टिकोण के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना है। रेनफेड डेवलपमेन्ट एरिया (RAD) के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में RAD योजना अन्तर्गत बोधगया प्रखंड के गाफाखूर्द ग्राम पंचायत का चयन कलस्टर के रुप में किया गया है। 100 हे० के इस कलस्टर में फसल पद्धति आधारित प्रणाली, उद्यान आधारित प्रणाली एवं पशुधन आधारित कृषि प्रणाली के तहत कार्य कराया गया है। इसके तहत फसल पद्धति आधारित कृषि प्रणाली में बायो फोर्टिफाईड बीज से 25 हे० में मक्का, 5 हे० गेहूँ एवं 10 हे० मसूर फसल का आच्छादन कराया गया है। कुपोषण में कमी लाने के लिये बायो फोर्टिफाईड बीज का उपयोग किया जा रहा है।

लघु जल संसाधन विभाग की ओर से सतही सिंचाई योजना के अंतर्गत ज़िले में आहर/ पईन / वीयर / पोखर एवं चेक डैम की कुल 74 योजना में इस वर्ष 54 योजना पूर्ण की गई है। भूजल सिंचाई योजना के अंतर्गत राजकीय नलकूप, नावार्ड फेज 03, 08 एवं 11 नलकूप योजना के अंतर्गत इसवर्ष 147 योजना में से 124 योजना पूर्ण किया गया है। लघु जल संसाधन विभाग, बिहार द्वारा जल-जीवन -हरियाली अभियान एवं हर खेत तक सिंचाई का पानी के अन्तर्गत सतही सिंचाई योजना यथा आहर पईन / पोखर / तालाब / चेंक डैम / वियर इत्यादि का क्रियान्वयन का कार्य कराया जाता है। जिससे गया जिला अन्तर्गत कुल 6633367 (m³) जल संचयन क्षमता की वृद्धि की गई है एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 32976.81 हे0 खरीफ सिंचाई पटवन का कार्य किया गया है। इन Water Bodies के सृजन से गया जिला के किसानों में खुशी का लहर है, किसानो के मानसुन के मौसम में इन आहर पईन एवं पोखर से Out let के माध्यम से Surface flow के द्वारा सिंचाई सुविधा होगा तथा इसके अतिरिक्त रब्बी मौसम में कृषकों द्वारा पम्प सेट के माध्यम से Water Bodies मे एकत्रित पानी को Lift कर सिंचाई के लिए उपयोग किया जायेगा। इसके साथ ही इन सुखाग्रस्त क्षेत्रो में जहॉ गर्मी के मौसम में पानी की घोर किल्त का सामना करना पड़ता था, जिससे मानव जाती एवं पशु पंक्षी के अस्तिव पर खतरा उत्पन्न होने की संभावना बनी रही थी। इन Water Bodies के निर्माण हो जाने से इन निदान हो सका है। Water Bodies निर्माण गया मे युद्ध स्तर पर विभागीय दिशा निर्देश के साथ साथ ज़िला पदाधिकारी गया के मार्गदर्शन के अनुसार किया गया है। इन Water Bodies के निर्माण हो जाने से जिला के Water Table में काफी सुधार हो सकेगी। साथ ही तालाबो के सालो भर पानी रहने से पशु-पंक्षी के पानी पीने समस्या समाप्त हो जायेगीं तथा आहर पईन एवं पोखर के बॉध पर वृक्षारोपन का कार्य किया जायेगा। जिससे पर्यावरण को सौम्य एवं सतुलन बनाने में सहायक होगा।

उधर वर्ष 2023 में स्वास्थ्य विभाग, गया की मुख्य उपलब्धियाँ यह रही की श्रवण श्रुति कार्यक्रम अंतर्गत 0 से 5 वर्ष के कुल 335911 बच्चों का जांच किया गया। जिसमें 37 बच्चों का Chochlear Implant सर्जरी की गई एवं 652 बच्चों का अस्थायी बहरापन को ठीक किया गया। AASMA कार्यकम के अंतर्गत एनीमिया से ग्रसित 3 प्रखंड यथा मानपुर, बोधगया, एवं कोंच के कुल 500 गर्भवती महिलाओं जिसमें एनीमिया की कमी थी, को व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से एवं जीविका, आंगनबाड़ी एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से एनीमिया के स्तर में सुधार लाया गया। WONDER कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 90184 गर्भवती महिलाओं को WONDER app पर पंजीकृत किया गया एवं 17150 गर्भवती महिलाएं जो उच्च जोखिम वाले थीं उन्हें चिन्हित कर उपचार किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्य रूप से कुल 125863 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया एवं चार प्रसव पूर्व जांच तक कुल 79934 महिलाओं को अब तक चार जांच की सुविधा दी गई एवं 125863 गर्भवती महिलाओं को आयरण एवं कैल्सियम की गोली दी गई। 3126167 लोगों का इलाज इस वर्ष में की गई है जिसमें 520754 लोगों का जांच किया गया। 45942 लोगों को एक्स-रे की सुविधा दी गई, 5119 लोगों को सी०टी० स्कैन की सुविधा दी गई एवं 2197 लोगों को अल्टासाउंड की सुविधा दी गई।राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 8911 लोगों को टी०बी० बिमारी से चिन्हित किया गया। जिसमें अब तक 8002 लोगों को सफलतापूर्वक इलाज किया गया एवं निश्चय पोषण योजना के अंतर्गत ₹7622000 की राशि DBT की माध्यम से कुल 5971 लोगों को उनके खाते में भुगतान किया गया। जिला गुणवता यकिनन कार्यकम अतर्गत लक्ष्य प्रमाणीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 07 स्वास्थ्य संस्थानों को गुणवता प्रमाण पत्र राज्य स्तर से निर्गत की गई है। जय प्रकाश नारायण अस्पताल, गया को NQAS Certification प्राप्त हुआ है। कायाकल्प कार्यकम अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बांकेबाजार एवं जय प्रकाश नारायण अस्पताल, गया को प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष 39093 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन निःशुल्क किया गया है। आधारभूत संरचना के क्षेत्र में इस वर्ष कुल 05 नये उपस्वास्थ्य केन्द्र एवं 02 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया जा चुका है। पूर्व से संचालित कुल 485 स्वास्थ्य उपकेन्द्र एवं अतिरिकत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।

समाज कल्याण विभाग की एक अनूठी पहल है 'वृद्धाश्रम सहारा' जो गया में मानपुर में भव्य तीन-तल्ले भवन मे स्थापित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर 1-10-23 को इसका उदघाटन हुआ। इसमें असहाय वृद्ध और वृद्धाओं को भोजन, वस्त्र , आवास एवं चिकित्सा की निशुल्क व्यवस्था है। इसकी कुल क्षमता 100 है। वर्तमान में यहां 21 वृद्ध और 7 वृद्धाएं आवासित हैं। समाज, ग्राम,स्टेशन,सड़क आदि पर  प्रायः दिख जाने वाले असहाय भिक्षुकों और भिक्षुणियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए समाज कल्याण विभाग, बिहार द्वारा राज्य के 11 जिलों में भिक्षुक गृह खोले गये हैं जिनमे गया भी एक है। यहां सेवा कुटीर (पुरूष भिक्षुक गृह) एवं शांति कुटीर (महिला भिक्षुक गृह) की स्थापना बोधगया में कई गई है। वर्तमान में इनमें क्रमशः 18 एवं 22 लाभुक आवासित हैं।  इनको यहां भोजन,वस्त्र,चिकित्सा निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। आवश्यकतानुसार इनकी चिकित्सा भी कराई जाती है। परामर्शन पश्चात जिनके घर का पता चल जाता है उन्हे घर भेज दिया जाता है। समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगों के हित में अनेक उपकरण नि:शुल्क वितरण की योजना चलाई जाती है। गत वर्ष से इन उपकरणों मे मोटरयुक्त तिपहिया भी शामिल हो गया है। गया जिले मे इन उपकरणों के नि:शुल्क वितरण की संख्या इस प्रकार है--तिपहिया -240,  मोटरयुक्त तिपहिया--300,   सुनने में समस्या का सामना करने वालों के लिए श्रवण यंत्र-24, उठने-बैठने में असमर्थ के लिए व्हील चेयर--23, बैशाखी-13, नेत्रहीन छड़ी--5 की संख्या में पूरी तरह निशुल्क वितरित किया गया है।

जल संसाधन विभाग की ओर से तिलैया नहर प्रमंडल वजीरगंज में बतसपुर वीयर योजना से नहर के अंतिम छोर (नहर के उद्गम बिन्दु से 20.00 कि0 मी०) गेरे, मानपुर, गया तक सिंचाई अवधि में पानी पहुँचाया गया। इस वर्ष गंगाजल आपूर्ति योजना से गया शहर के उत्तरी भाग जैसे- मुरलीहिल, आजाद पार्क, रामशीला, डेल्हा आदि इलाकों में स्थापित जल मीनारों को जोड़ा गया। जिससे गया शहर के बहुत सारे वार्डों तक पेयजल के रूप में पानी घरो तक पहुँचा। वर्ष 2023 में सिंचाई प्रमण्डल, गया (बिहार सरकार जल संसाधन विभाग अन्तर्गत) के अधीन कराये गये कार्य एवं मुख्य उपलब्धियाँ गया जी डैम के अभिन्न कार्य अंतर्गत 700 मीटर लंबी माँ सीता पथ सहित चहारदीवारी का निर्माण कार्य संपन्न कराया गया है। इसके अलावे फल्गु नदी के दोनो तट पर 50 मी० का दो अद्द तथा बाँयें तट पर अवशेष 185 मी० लम्बी सीढ़ी घाट का निर्माण कराया गया है। साथ हीं दॉये तट के अन्दर दूषित जल निकास हेतु लगभग 750 मीटर लंबी एकीकृत दूषित पानी निकासी का कार्य संपन्न किया गया है। इसके अलावा माँ सीता पथ के संरक्षित 700 मी0 लंबी दीवार पर माँ सीता के जीवन पर आधारित भारत के सबसे लंबी Artistic / मिथिला पेन्टिंग का कार्य आसन्न पितृपक्ष को दृष्टिगत रखते हुए पूर्ण कराया गया है, जो कि पर्यटकीय दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। इसका देश-विदेश से आए पर्यटकों ने काफी सराहा है। मुख्यमंत्री सात निश्चय पार्ट-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 8 अद्द योजनाओं का कार्य पूर्ण कराया गया है। इसमें लोअर मोरहर सिंचाई योजना के अन्तर्गत मुख्य नहर के 27.5 कि०मी लंबाई में नहर पुनर्स्थापन कार्य कराया गया है, ताकि समुचित सिंचाई सुविधा बहाल की जा सके। इससे टेकारी, गुरारू, परैया, कोंच प्रखंड लाभान्वित होगें। इसके अलावे करमौनी शाखा नहर में कुल 14.40 कि०मी० लंबाई में तथा अपर मोरहर सिंचाई योजना के तहत पुराना डुमरा वितरणी में कुल 11.46 कि०मी० लम्बाई मे नहर पुनर्स्थापन कार्य संपन्न कराया गया है। इससे डोभी, तथा गुरारू प्रखंड लाभान्वित होगा। विष्णुपद मंदिर तक वैकल्पिक पहुँच पथ, तटबंध सुरक्षात्मक तथा एकीकृत जल निकासी का कार्य योजना तैयार किया गया है, जो निविदा प्रक्रियाधीन है। यह कार्य आगामी पितृपक्ष 2024 के पूर्व दिनांक - 31.08.2024 तक पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है।

शिक्षा विभाग में बिहार लोक सेवा आयोग, पटना के द्वारा लिये गये परीक्षा के आधार पर गया जिले के कुल 3309 विद्यालयों में वर्ग 01 से 05 कोटि, वर्ग 09 से 10 तक एवं वर्ग 11 से 12 कोटि में कुल 5119 विद्यालय अध्यापको की नियुक्ति की गयी। वहीँ जिले मे संचालित विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में वर्ग कक्षों की कमी को देखते हुये Prefab Structure का निर्माण किया जा रहा है। गया जिले में कुल 104 Prefab Structure का निर्माण का लक्ष्य है जिसमें 33 विद्यालयों में Prefab Structure का निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, शेष 71 विद्यालयों मे Prefab Structure का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। जिले में संचालित भवनहीन प्राथमिक विद्यालयों के लिए नया भवन निर्माण हेतु कुल 19 नया विद्यालयों के निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त 19 विद्यालयों में से 09 विद्यालयों के भवन निर्माण हेतु निविदा की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। शेष विद्यालयों का चयन की प्रक्रिया में है। ICT Lab के द्वारा स्कूली छात्र/छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान की जानी है। इस हेतु मध्य विद्यालयों मे 10 कम्प्यूटर सेट तथा उच्च विद्यालयों में 20 कम्प्यूटर लगाने का प्रावधान है। जिले में चयनित कुल 197 मध्य एवं उच्च विद्यालयों में से 119 विद्यालयों में ICT Lab की स्थापना हो चुकी है, शेष 78 विद्यालयों में ICT Lab की स्थापना प्रक्रियाधीन है। जिले में चाहरदिवारी विहीन चयनित कुल 78 विद्यालयों में चाहरदिवारी निर्माण की राशि प्राप्त हुई है। मनरेगाा के सहयोग से 34 निर्माण किया जा रहा है। जिले मे संचालित प्राथमिक / मध्य एवं माध्यमिक विद्यालयों मे से चयनित विद्यालयों में कुल 845 यूनिट शौचालय निर्माण के लक्ष्य से 623 यूनिट शौचालयों का निमार्ण कार्य पूर्ण कर लिया गया है, शेष 222 यूनिट का कार्य प्रगति पर है।एक जुलाई 2023 से प्रारंभ विद्यालयों के निरीक्षण एवं प्रतिकार्य दिवस को संध्या 04:00 बजे से निर्धारित प्रधानाध्यापको की विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से ली जाने वाली समीक्षा बैठक से छात्रोपस्थिति में उत्तरोतर सुधार हुआ है। जिससे औसत उपस्थिति 60 प्रतिशत से अधिक रहने लगी है।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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