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सरकारी पैसे की निगरानी कौन करेगा ? पूर्वी चंपारण के सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क के लिए 18 करोड़ की राशि...31 फर्म हुए हैं चयनित, कहीं 'थाली' की तरह 'बेंच-डेस्क' में भी न हो जाए खेला !

सरकारी पैसे की निगरानी कौन करेगा ? पूर्वी चंपारण के सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क के लिए 18 करोड़ की राशि...31 फर्म हुए हैं चयनित, कहीं 'थाली' की तरह 'बेंच-डेस्क' में भी न हो जाए खेला !

MOTIHARI:  मोतिहारी में एमडीएम के लिए क्रय की गई थाली की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि गुणवत्तायुक्त थाली की खरीद न कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है. वैसे जिले में सिर्फ थाली के लिए ही राशि नहीं आई है, बल्कि हाईस्कूलों में बेंच-डेस्क के लिए भी करोड़ों की राशि शिक्षा विभाग की तरफ से भेजी गई है. पूर्वी चंपारण जिले में लगभग 18 करोड़ की राशि से बेंच-डेस्क की खऱीद की जानी है. इसके लिए वेंडरों को चिन्हित भी कर लिया गया है. हालांकि वेंडर किस स्तर के बेंच-डेस्क देंगे, इस पर निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. खबर है कि यहां भी खेल की पूरी तैयारी है. यानि बेंच-डेस्क की सरकारी राशि में भी 'आनंद' की अनुभूति होने वाली है.

17 करोड़ 94 लाख सिर्फ बेंच-डेस्क के लिए  

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव शिक्षा में सुधार को लेकर लगातार प्रयास कर रहे. स्कूलों को संसाधन युक्त बनाया जा रहा. तमाम कमियों को दूर करने के लिए सरकार राशि भेज रही. लेकिन उसी राशि पर कहीं न कहीं गड़बड़ करने वालों की नजर है. पूर्वी चंपारण जिले में सरकारी विद्यालयों में बेंच-डेस्क के लिए बड़ी राशि भेजी गई है. उस राशि से जिन स्कूलों में बेंच-डेस्क नहीं है, वहां खऱीद की जानी है. जिला शिक्षा कार्यालय पूर्वी चंपारण ने बेंच-डेस्क आपूर्ति करने के लिए वेंडरों को सूचीबद्ध किया है. जिले में कुल 31 वेंडर चिन्हित किए गए हैं. जिन्हें एक, दो या तीन प्रखंड अलॉट किया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने यह पत्र 18 दिसंबर 2023 को ही जारी किया था.जिसमें कहा गया था कि 30 नवंबर 2023 को दुकानदारों, वेंडरों को पैनल में सम्मिलित करने के लिए आमंत्रित किया गया था. उनके कागजात के अवलोकन के बाद 31 वेंडर को सूचीबद्ध किया गया है . उनको प्रखंड में आवश्यक विद्यालयों के लिए पैनल में सम्मिलित किया गया है.जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण के पत्र में उल्लेख है कि 715 सरकारी विद्यालयों में कुल 35890 बेंच डेस्क उपलब्ध कराना है. एक की कीमत पांच हजार तय की गई है. 35890 बेंच डेस्क के लिए 17 करोड़ 94 लाख 50 हजार रू का बजट रखा गया है. 

पहले भी प्रयोगशाला सामाग्री की आपूर्ति कर आनंद ले चुके हैं सप्लायर....

पूर्वी चंपारण के डीईओ ने जिन 31 वेंडरों का चयन किया है, उन्हें ही इन विद्यालयों में बेंच-डेस्क की आपूर्ति करनी है. अंदर की चर्चा है कि एक-एक व्यक्ति कई फर्म बनाकर थाली सप्लाई से लेकर बेंच-डेस्क की सप्लाई के काम में शामिल हो गया है. इनमें से एक-दो ऐसे भी हैं जिन्होंने हाईस्कूलों में प्रयोगशाला समाग्री की आपूर्ति कर आनंद ले चुके हैं. तब भी गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई और मामले को दबा दिया गया. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शिक्षा-व्यवस्था में सुधार की कोशिश कर रहे हैं,जांच टीम भी स्कूलों का दौरा कर रही, लिहाजा इसकी भी जांच जरूरी है,ताकि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. 

वेंडरों की सूची.....




 




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