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छपरा और कटिहार में कुश्ती प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, युवा और बुजुर्ग पहलवानों ने दिखाया दमखम

छपरा और कटिहार में कुश्ती प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, युवा और बुजुर्ग पहलवानों ने दिखाया दमखम

CHAPRA : छपरा शहर से सटे रिविलगंज प्रखंड के दीलिया रहीमपुर पंचायत जान टोला गाछी में कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में सारण जिला के अलावा जिले के बॉर्डर एरिया से सटे जिलों से भी काफी संख्या में पहलवान कुश्ती में अपना भाग्य आजमाने पहुंचे थे। 

बुजुर्ग पहलवानों ने भी दिखाया दमखम

इस प्रतियोगिता की खास बात यह रही कि इसमें युवा वर्ग से लेकर बुजुर्ग स्तर तक के पहलवानों ने अपना दमखम दिखाया। प्रतियोगिता के दौरान पहलवानों की हौसला अफजाई डंके की चोट पर की जा रही थी। जब-जब पहलवान अपने प्रतिद्वंदी को पठखनी दे रहे थे। तब तब डंका वादक जोर-जोर से डंका बजा कर उनका हौसला अफजाई कर रहे थे। डंका वादक एक तरह से चीयरलीडर्स का रोल अदा कर रहे थे। इस प्रतियोगिता को देखने के लिए छपरा शहर से सटे कई मोहल्लों के लोग भी पहुंचे थे। सभी ने प्रतियोगिता को देखा और इसे प्रशासनिक स्तर पर कराने की मांग की ताकि इसे व्यापक रूप दिया जा सके और ग्रामीण स्तर के पहलवानों की प्रतिभा को सामने लाया जा सके। 

लोगों ने प्रशासनिक सहयोग की मांग की

स्थानीय लोगों में बीडीसी सदस्य विनोद कुमार सिंह ने बताया कि यदि प्रतियोगिता प्रशासनिक स्तर पर होता है तो निश्चित ही कई नए प्रतिभागी उभर कर सामने आएंगे और जिले तथा राज्य का नाम रोशन करेंगे। रमापति राय उर्फ बटर राय ने बताया कि प्रतियोगिता पिछले 10 सालों से हो रही है। लेकिन आज तक प्रशासनिक सहयोग नहीं मिला है। अवधेश राय ने बताया कि इस तरह की प्रतियोगिता को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आयोजक राजा कुमार यादव ने जिला प्रशासन से प्रतियोगिता को बेहतर ढंग से कराने और सरकारी सहयोग देने की मांग की। प्रतियोगिता में तीन दर्जन पहलवानों ने अपने दमखम दिखाएं।

कटिहार में भी भिड़े पहलवान

उधर कटिहार में दो दिवसीय दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। फलका प्रखंड के गोविंदपुर पंचायत स्थित रंगाकोल गांव में वर्षों से यह आयोजन होते आ रहा है। इस बार पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा ने इस दंगल प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शारीरिक श्रम और दांवपेच की कला कौशल से बिहार और अन्य प्रदेशों से आए पहलवान भले ही एक दूसरे को पटकनी देकर जीत का सेहरा अपने नाम कर ले। लेकिन ग्रामीणों के नजर में हर कोई यहां विजेता है। इसीलिए वह उन लोगों को शुभकामना दे रहे हैं। वही इस दंगल के आयोजन समिति के प्रमुख पूर्व जिला पार्षद ने कहा कि सोंधी मिट्टी के खुशबू के बीच दांवपेच के कला कौशल से एक दूसरे को पटकनी देने का यह परंपरा इस गांव के लिए बेहद पुराना है। लोग इसे खेल के रूप में लेते हुए लुफ्त उठाते हैं। इस बार इस दंगल में बिहार के अलावा दिल्ली, पंजाब और कई राज्य से पहलवान भाग ले रहे हैं। जिसे लेकर लोग बेहद उत्साहित हैं और लोग भी दूर-दूर से कुश्ती के अखाड़े में इन पहलवानों को एक दूसरे को दांवपेच के सहारे पटकन देते हुए देखने आ रहे हैं।

छपरा से संजय भारद्वाज के साथ कटिहार से श्याम की रिपोर्ट

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