Champions trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय टीम के मैचों की मेजबानी दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में की जाएगी। जबकि अन्य टीमों के मुकाबले पाकिस्तान में खेले जाएंगे, भारतीय टीम के लिए हाइब्रिड मॉडल के तहत दुबई को चुना गया है। भारतीय टीम की 5 स्पिन गेंदबाजों वाली रणनीति पर चर्चा हो रही है, और अब दुबई की पिच को लेकर भी अपडेट आया है।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की पिच रिपोर्ट
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम के मुख्य पिच क्यूरेटर मैथ्यू सैंडर्स ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो को बताया कि पिच को 9 फरवरी को संपन्न हुए ILT20 फाइनल के बाद करीब 2 सप्ताह का रिकवरी टाइम दिया गया है। क्यूरेटर ने स्पष्ट किया कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पिच पूरी तरह तैयार की जाएगी और उम्मीद है कि पिच वनडे मैचों के लिए आदर्श व्यवहार करेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या पिच स्लो रहेगी, तो उन्होंने इसके जवाब में 'ना' कहा और बताया कि पिच वनडे मैचों में वही व्यवहार करेगी जो आमतौर पर वनडे पिचों में देखा जाता है।
दुबई पिच और स्पिन गेंदबाजों की भूमिका
अगर पिच स्लो रहती है, तो यह भारतीय टीम के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि भारतीय टीम में 5 प्रमुख स्पिन गेंदबाज चुने गए हैं। ये पांच स्पिनर हैं अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, और वरुण चक्रवर्ती। स्लो पिच इन स्पिन गेंदबाजों को पूरी तरह से सपोर्ट कर सकती है, जिससे भारतीय टीम को बड़ा फायदा हो सकता है। हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि ILT20 लीग के दौरान दुबई की पिच पर बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को मदद मिली थी। पूरे ILT20 टूर्नामेंट में केवल एक बार 200 से अधिक रन बने थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि पिच बहुत अधिक हाई-स्कोरिंग नहीं रही है।
भारतीय टीम की रणनीति
भारतीय टीम की स्पिन-गेंदबाजी रणनीति को लेकर रविचंद्रन अश्विन और UAE क्रिकेट टीम के हेड कोच लालचंद राजपूत ने भी सवाल उठाए थे। हालांकि, दुबई की पिच पर स्पिनर्स को मदद मिलने की संभावना भारतीय टीम की उम्मीदें बढ़ा सकती है। स्पिन गेंदबाजों के प्रभाव को देखते हुए भारतीय टीम की योजना पिच की प्रकृति का फायदा उठाने और अपने स्पिन अटैक के जरिए विपक्षी टीमों को दबाव में लाने की हो सकती है।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की पिच पर काफी चर्चा
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की पिच पर काफी चर्चा हो रही है, खासकर भारतीय टीम की 5 स्पिन गेंदबाजों वाली रणनीति को देखते हुए। पिच के स्लो होने की संभावना कम है, लेकिन फिर भी स्पिनर्स की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। भारतीय टीम के पास अपनी स्पिन गेंदबाजी के जरिए विरोधी टीमों पर दबाव बनाने का शानदार मौका होगा।