Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर एक भीषण सड़क हादसे में अधिवक्ता ओम प्रकाश आर्या का पूरा परिवार खत्म हो गया। ओम प्रकाश 10 साल पहले बिहार से दिल्ली शिफ्ट हुए थे और सोमवार सुबह तक घर लौटने की योजना थी। इसी कारण वे रविवार शाम प्रयागराज से निकल पड़े थे। हादसे से आठ घंटे पहले उन्होंने अपने साले को वीडियो कॉल की थी।
परिवार और पेशा
मूल रूप से बिहार निवासी ओम प्रकाश आर्या और उनकी पत्नी पूर्णिमा की शादी 2015 में हुई थी। ओम प्रकाश तीन भाइयों में सबसे छोटे थे, जबकि उनके पिता वीर शमशेर सिंह एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हैं। शादी के एक साल बाद, ओम प्रकाश पत्नी के साथ दिल्ली आ गए थे, जहां वे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ मिलकर हाईकोर्ट में वकालत करते थे। उनके साले चंदन सिंह उत्तम नगर, दिल्ली में रहते हैं और आयुर्वेदिक कंपनी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि ओम प्रकाश ने परिवार के साथ महाकुंभ स्नान का कार्यक्रम बनाया था और उन्हें भी चलने के लिए कहा था, लेकिन व्यस्तता के कारण वे नहीं जा सके। रविवार शाम 4 बजे ओम प्रकाश परिवार सहित दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने वीडियो कॉल पर साले से बात की और कहा था कि वे सुबह तक घर पहुंच जाएंगे। लेकिन रात 2 बजे पुलिस का फोन आया, जिसने यह दुखद खबर दी।
हादसे का विवरण
रविवार रात 12:35 बजे लखनऊ एक्सप्रेस-वे के फतेहाबाद थाना क्षेत्र में उनकी कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर पार कर दूसरी लेन में चली गई और सामने से आ रहे कैंटर से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में 42 वर्षीय अधिवक्ता ओम प्रकाश आर्या, उनकी 34 वर्षीय पत्नी पूर्णिमा सिंह, 8 वर्षीय बेटी अहाना और 2 वर्षीय बेटा विनायक की मौके पर ही मौत हो गई।
तेज रफ्तार बनी हादसे की वजह
एसीपी फतेहाबाद अमरदीप लाल के अनुसार, कार की रफ्तार अधिक होने के कारण वह डिवाइडर तोड़कर दूसरी लेन में चली गई, जहां सामने से आ रहे कैंटर से जबरदस्त टक्कर हो गई। टक्कर के प्रभाव से ओम प्रकाश और उनके बेटे विनायक सड़क पर जा गिरे, जबकि पूर्णिमा और अहाना कार के अंदर ही फंसी रह गईं। दुर्घटना के बाद एक्सप्रेस-वे पर लंबा जाम लग गया। सूचना मिलते ही यूपीडा और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। कार में फंसी मां-बेटी को निकालकर एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिवार में मातम
इस घटना की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पूर्णिमा अपने दो भाइयों की इकलौती बहन थीं और परिवार की सबसे छोटी सदस्य थीं। रिश्तेदारों के अनुसार, ओम प्रकाश की वकालत की पढ़ाई हाल ही में पूरी हुई थी और शुक्रवार को उन्हें डिग्री मिली थी। इसी खुशी में वे महाकुंभ स्नान के लिए परिवार के साथ प्रयागराज गए थे।
यातायात बाधित, कार कैंटर में फंसी
महाकुंभ के कारण लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पहले से ही यातायात का भारी दबाव था। दुर्घटना के बाद वाहनों की लंबी कतार लग गई। कार कैंटर में फंस गई थी, जिससे रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाने के बाद आधे घंटे में यातायात सुचारू कराया। यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार और लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं की भयावहता को दर्शाता है। परिवार के चार सदस्यों की एक साथ मौत से उनके रिश्तेदार और परिचित गहरे सदमे में हैं।