UP CRIME NEWS: प्रेमी से मिलकर आई मां ने 4 साल के मासूम को उतारा मौत के घाट, सच्चाई जान दहल उठेगा दिल

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कानपुर: कानपुर के नरवल इलाके से सामने आई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। यहां एक मां ने अपने ही चार साल के मासूम बेटे की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या का तरीका और इसके पीछे की कहानी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि बेहद दर्दनाक भी है।


घटना नरवल के प्रतापपुर गांव की है, जहां रहने वाले किसान सुशील सिंह यादव अपनी पत्नी मनीषा यादव, पिता फूल सिंह और चार साल के बेटे अनिरुद्ध के साथ रहते थे। रविवार की शाम सुशील भैंस का दूध निकालने खेत गया था। तब तक उनका बेटा अनिरुद्ध घर पर खेल रहा था और मनीषा घर के कामकाज में लगी थी।


शाम को जब सुशील दूध लेकर वापस घर लौटा, तो मनीषा आंगन में बर्तन धो रही थी। उसने सुशील से कहा कि उसे कोल्ड ड्रिंक पीने का मन है, इसलिए वह बाजार से ले आए। इस पर सुशील ने पूछा कि अनिरुद्ध कहां है? मनीषा ने बताया कि वह ऊपर अपने दादा यानी फूल सिंह के पास सो रहा है। सुशील ने कहा कि पहले बच्चे को दूध पिला दो, वह भूखा होगा, लेकिन मनीषा ने जवाब दिया कि उसे सोने दो, मत जगाओ।

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सुशील को यह बात खटकी और वह ऊपर जाकर बेटे को देखने चला गया। वहां उसने देखा कि अनिरुद्ध अजीब स्थिति में लेटा है, आंखें खुली हुई हैं और शरीर बिल्कुल शांत है। उसने पास जाकर देखा, तो बेटा सांस नहीं ले रहा था। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


बेटे की मौत के बाद जब सुशील ने मनीषा से सवाल किया, तो उसके जवाबों में हड़बड़ाहट और असमंजस नजर आया। सुशील ने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस ने मनीषा से पूछताछ की, तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने बेटे के गले में बंधे काले धागे से ही उसका गला घोंटकर मार डाला।


यह मामला यहीं खत्म नहीं होता। परिजनों ने पुलिस को बताया कि इससे पहले भी मनीषा के दो छोटे बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। करीब डेढ़ साल पहले उनकी दो साल की बेटी और एक साल का बेटा अनुराग एक ही समय में चल बसे थे। तब मनीषा ने बताया था कि उसे कुछ समझ ही नहीं आया कि दोनों की मौत कैसे हो गई। तब परिवार और गांव वालों ने मान लिया कि सर्दी-खांसी से बच्चों की मौत हुई होगी। लेकिन अब इस ताजा घटना के बाद उन दोनों मौतों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।


इस पूरी घटना में एक और चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब पता चला कि मनीषा कुछ ही दिन पहले अपने प्रेमी के साथ घर से भाग गई थी। 16 अप्रैल को वह बिना किसी को बताए घर छोड़कर चली गई थी। काफी खोजबीन के बाद वह मिली और 22 अप्रैल को थाने में पुलिस और समाज के लोगों की मौजूदगी में समझौता कराकर उसे वापस लाया गया। तब उसने वादा किया था कि वह अब पति के साथ ही रहेगी और जीवन सामान्य बनाएगी। लेकिन परिवार वालों का कहना है कि मनीषा का व्यवहार उस दिन के बाद भी ठीक नहीं था और वह लगातार मानसिक रूप से अस्थिर दिखाई दे रही थी।


अब परिजनों का शक गहराता जा रहा है कि मनीषा ने प्रेमी के साथ मिलकर ही यह साजिश रची थी। पुलिस ने मनीषा को गिरफ्तार कर लिया है और उसके प्रेमी की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही पहले दो बच्चों की मौत की भी नए सिरे से जांच शुरू की गई है।


इस दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर इस बात पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि घरेलू रिश्तों की दरारें किस हद तक खतरनाक हो सकती हैं। एक मां द्वारा अपने मासूम बेटे की निर्मम हत्या न केवल पारिवारिक दुखद घटना है, बल्कि यह सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े गंभीर मुद्दों की ओर भी इशारा करती है।