Bahraich Gazi Mela: हाई कोर्ट ने नहीं दी बहराइच के सैयद सालार मसूद गाजी दरगाह पर मेला की अनुमति

बहराइच: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शनिवार को बहुचर्चित बहराइच जेठ मेला विवाद पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस वर्ष जेठ मेले को आयोजित करने की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है। हालांकि, दरगाह शरीफ पर पारंपरिक धार्मिक गतिविधियों को सीमित दायरे में करने की इजाजत दी गई है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि बहराइच जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा मेले पर लगाई गई रोक में वह किसी भी प्रकार की दखल नहीं देगा। कोर्ट ने साफ किया कि दरगाह पर अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन सीमित संख्या में जायरीन की उपस्थिति में किया जा सकता है, ताकि क्षेत्र का शांतिपूर्ण माहौल प्रभावित न हो।
हाईकोर्ट में अर्जेंट सुनवाई के दौरान भी दरगाह जेठ मेले की अनुमति नहीं दी गई। कोर्ट ने कहा कि जायरीन दरगाह पर जियारत कर सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह की 'बारात' को दरगाह तक लाने की इजाजत नहीं दी गई है। सुरक्षा की दृष्टि से दरगाह परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
एसपी सिटी रामानंद कुशवाहा ने भी साफ कर दिया है कि इस बार न तो मेला लगेगा और न ही बारात निकलेगी। जिले की सीमाओं पर भी पुलिस का कड़ा पहरा लगाया गया है और बाहर से आने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। आसपास के जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाकर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की गई है।
दरअसल, प्रशासन ने इस वर्ष सैय्यद सालार मसूद गाज़ी की दरगाह पर लगने वाले वार्षिक जेठ मेले पर सुरक्षा कारणों से रोक लगा दी थी। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया। इस रोक को हटाने के लिए दरगाह प्रबंध समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 14 और 15 मई को हुई थी, लेकिन तब कोई निर्णय नहीं हो सका।
शनिवार को हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने इस मामले में अंतरिम आदेश देते हुए धार्मिक अनुष्ठानों को अनुमति दी, लेकिन मेले और बारात जैसे आयोजन पर रोक को बरकरार रखा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि दरगाह में होने वाली नियमित धार्मिक गतिविधियों के लिए सभी आवश्यक नागरिक सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।