UP doctor Case: ऑपरेश के 17 सालों बाद महिला के पेट में उठा तेज दर्द! कहराते हुए पहुंची अस्पताल, सामने आया ऐसा सच, जिसे जानकार सभी के उड़ गए होश

लखनऊ में डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। 17 साल पहले हुए ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कैंची छूट गई थी, जिसे अब निकालने का ऑपरेशन किया गया है।

 UP doctor Case: ऑपरेश के 17 सालों बाद महिला के पेट में उठा
UP doctor Case- फोटो : freepik

UP doctor Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बार फिर डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक महिला के 17 साल पहले किए गए ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में कैंची छोड़ दी गई थी। इस लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब महिला को पेट में लगातार दर्द और चुभन की शिकायत हुई और उसका एक्स-रे कराया गया। रिपोर्ट में पेट में कैंची होने की बात सामने आई, जिससे सभी के होश उड़ गए।

17 साल पुरानी लापरवाही का हुआ खुलासा

यह घटना 26 फरवरी 2008 की है, जब महिला संध्या पांडेय को लखनऊ के इंदिरानगर स्थित ‘शी मेडिकल केयर’ में भर्ती कराया गया था। यहां डॉ. पुष्पा जायसवाल ने उनका ऑपरेशन किया था, जिससे संध्या ने एक बच्चे को जन्म दिया था। उस समय ऑपरेशन के बाद सब कुछ सामान्य दिख रहा था, लेकिन कुछ समय बाद संध्या को पेट में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं होने लगीं।

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दर्द की शिकायत और एक्स-रे से पता चला

संध्या के पति अरविंद कुमार पांडेय के अनुसार, उनकी पत्नी कई बार पेट दर्द की शिकायत करती थीं, जिसके लिए उन्होंने कई बार जांच और इलाज भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 2024 में जब उन्होंने दोबारा जांच कराई और एक्स-रे कराया, तो पेट में कैंची होने की पुष्टि हुई। इसके बाद महिला और उनके परिजन चौंक गए और उन्हें समझ में आ गया कि 17 साल पहले के ऑपरेशन में लापरवाही हुई थी।

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दोबारा ऑपरेशन से निकली कैंची

महिला के पेट में कैंची पाए जाने के बाद उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भर्ती कराया गया, जहां 26 मार्च 2024 को उनका ऑपरेशन करके पेट से कैंची निकाली गई। ऑपरेशन सफल रहा, लेकिन इस लापरवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

लापरवाही के खिलाफ थाने में शिकायत

इस गंभीर लापरवाही को लेकर संध्या के पति अरविंद कुमार पांडेय ने गाजीपुर थाने में डॉ. पुष्पा जायसवाल और अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अरविंद कुमार पांडेय, जो लखनऊ में सहकारी समितियां व पंचायत लेखा परीक्षा के उप निदेशक हैं, ने इस मामले की गंभीरता से जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी के जीवन के लिए घातक साबित हो सकती है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

परिवार की स्थिति

संध्या पांडेय और उनका परिवार इंदिरानगर, लखनऊ में रहता है, जबकि संध्या पांडेय बाराबंकी जनपद में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। परिवार इस घटना के बाद से मानसिक रूप से परेशान है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कानून के तहत उन्हें न्याय मिलेगा।