Loco pilot Exam Scam: लोको पायलट परीक्षा धांधली में 2 माफिया गिरफ्तार, 20-20 लाख रुपए में पास कराने की हुई थी डील, 2 करोड़ रुपए के खेल का खुलासा

Loco pilot Exam Scam: लोको पायलट परीक्षा में छात्रों को पास कराने के लिए 20 20 लाख रुपए में डील की गई थी। पटना और पूर्णिया पुलिस ने इस मामले में दो माफिया को गिरफ्तार किया है।

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loco pilot exam scam- फोटो : social media

Loco pilot Exam Scam:  लोको पायलट परीक्षा में धांधली मामले में पटना और पूर्णिया पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। ऑनलाइन परीक्षा केंद्र से साजिश रचते हुए दो माफिया गिरफ्तार हुए हैं। दरअसल, पटना और पूर्णिया पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गर्दनीबाग स्थित स्वामी अय्यप्पन ऑनलाइन परीक्षा केंद्र पर छापेमारी कर दो बड़े परीक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने लोको पायलट परीक्षा में सेटिंग कराने वाले रौशन कुमार उर्फ रौशन मुखिया और राहुल राज को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया कि उन्होंने 10 अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के लिए 20-20 लाख रुपए में सौदा किया था। इस तरह कुल 2 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की योजना थी।

चार महीने से फरार था मास्टरमाइंड

पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी रौशन कुमार पहले भी परीक्षा फर्जीवाड़े में शामिल था और SSC MTS परीक्षा में धांधली के मामले में चार महीने से फरार चल रहा था। वह अपने साथी राहुल राज के साथ मिलकर ऑनलाइन एग्जाम सेंटर चला रहा था। दोनों की योजना थी कि जल्द ही सहरसा में एक नया परीक्षा केंद्र खोलकर फर्जीवाड़े का नेटवर्क और बड़ा किया जाए।

पुलिस को मिले अहम सुराग, कई दस्तावेज बरामद

पुलिस छापेमारी के दौरान परीक्षा माफियाओं के ठिकाने से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनमें रेलवे और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग कराने वाले स्टूडेंट्स के नाम शामिल हैं। पूछताछ में आरोपियों ने तीन अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

पूर्णिया डिजिटल ऑनलाइन सेंटर से जुड़ा मामला

यह मामला पूर्णिया के सदर थाना क्षेत्र के गुलाबबाग स्थित 'पूर्णिया डिजिटल ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर' से जुड़ा है। पिछले साल 14 नवंबर 2024 को SSC MTS परीक्षा में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। पुलिस ने उस दौरान 35 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें 12 फर्जी उम्मीदवार, 14 असली कैंडिडेट, 7 स्टाफ और 2 दलाल शामिल थे। फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड रौशन कुमार और राहुल राज घटना के बाद से फरार थे।

2 करोड़ की सेटिंग, फर्जी कैंडिडेट को लाखों में भर्ती

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि परीक्षा पास कराने के लिए परीक्षा केंद्र संचालक ने उम्मीदवारों से 10-10 लाख रुपए में डील की थी। फर्जी कैंडिडेट्स को परीक्षा में बैठने के लिए 80 हजार से 1.5 लाख रुपए दिए गए थे। पुलिस को यह भी पता चला है कि परीक्षा माफियाओं के तार बिहार के अलग-अलग जिलों में फैले हुए हैं। कटिहार, नालंदा और वैशाली के परीक्षा केंद्रों में भी यह गैंग सक्रिय था। पुलिस के अनुसार, कटिहार के जदयू नेता रौशन मंडल और वैशाली के विवेक कुमार भी इस रैकेट में शामिल थे। मामले में साइबर थाने में दर्ज एफआईआर से खुलासा हुआ कि SSC मध्य क्षेत्र, प्रयागराज दफ्तर में तैनात फ्लाइंग ऑब्जर्वर इजहार आलम की मिलीभगत से सेंटर पर फर्जीवाड़ा हो रहा था।

पुलिस ने क्या कहा?

पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि "पूर्णिया में SSC MTS परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के बाद से मास्टरमाइंड की तलाश जारी थी। कई महीनों की छानबीन के बाद पटना में छापेमारी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।" बिहार में ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर फर्जीवाड़ा तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस ने इस नेटवर्क के विस्तार को देखते हुए राज्यभर में सभी प्रमुख ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की निगरानी बढ़ा दी है। साथ ही, साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाने की तैयारी है।

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