Operation Sindoor Hero Air Marshal AK Bharti: पूर्णिया का लाल, 'ऑपरेशन सिंदूर' का महानायक! एयर मार्शल एके भारती ने पाक को चटाई धूल, दुनिया ने देखी भारत की ताकत!

'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की सैन्य शक्ति के प्रचंड रूप में उभरा और वायु मार्शल अवधेश कुमार भारती (एके भारती) को इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।...

पूर्णिया और बिहार के लिए गर्व का क्षण: मिट्टी का लाल, आसमान का सितारा!- फोटो : social media

Operation Sindoor Hero Air Marshal AK Bharti: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव की धधकती आग में 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की सैन्य शक्ति के प्रचंड रूप में उभरा। इस साहसिक अभियान की हर बारीक रणनीति और आसमान में गरजते हवाई हमलों की कमान संभालने वाले वायु मार्शल अवधेश कुमार भारती (एके भारती) को इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वर्तमान में वायु संचालन के महानिदेशक (DGAO) के पद पर विराजमान भारती ने अपनी अद्वितीय सूझबूझ और कुशल नेतृत्व से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को पल भर में राख में मिलाकर भारत की साइबर और सैन्य सुरक्षा को अभेद्य बनाने में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाई है।

मिट्टी से उठकर आसमान छूने की कहानी

बिहार के पूर्णिया जिले के एक छोटे से गांव, झुन्नी कलां में जन्मे एके भारती की कहानी एक आम आदमी की असाधारण उपलब्धियों की गाथा है। उनके पिता, जीवछलाल यादव, कोशी परियोजना में एक साधारण लेखाकार थे। आज भी उनके दो भाई पूर्णिया में रहकर अपनी जड़ों से उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाते हैं। भारती की प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल तिलैया में हुई, जहाँ उन्होंने अनुशासन और देश के लिए सर्वस्व अर्पण करने का पहला पाठ सीखा। इसके बाद, उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA), पुणे में दाखिला लिया, जहाँ उनकी विलक्षण प्रतिभा ने उन्हें प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर जैसे सर्वोच्च सम्मान का हकदार बनाया।उन्होंने वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज से उच्च सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसने उनकी रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता को और भी धारदार बनाया। जून 1987 में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में कमीशन प्राप्त करने के बाद, एयर मार्शल भारती ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, बल्कि सफलता की नई ऊंचाइयों को छूते चले गए।

एक शानदार करियर: जहां नेतृत्व और नवाचार कदम-कदम पर मिले!

एयर मार्शल भारती का शानदार करियर उपलब्धियों और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से भरा हुआ एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने घातक सुखोई-30 MKI स्क्वाड्रन की कमान संभाली, जहाँ उन्होंने इस शक्तिशाली विमान की हथियार प्रणालियों को पूरी तरह से क्रियान्वित करने और इसकी युद्धक रणनीतियों को विकसित करने में एक निर्णायक भूमिका निभाई। उनके कुशल नेतृत्व में इस स्क्वाड्रन ने 'गगन शक्ति', रॉयल एयर फोर्स के साथ 'इंद्रधनुष 2006', और फ्रांसीसी वायुसेना के साथ 'गरुड़ 2007' जैसे महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यासों में अपनी क्षमता का लोहा मनवाया।

उन्होंने संयुक्त निदेशक (वायु रक्षा संचालन), प्रमुख निदेशक (सूचना और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध), और सामरिक बल कमान में चीफ स्टाफ ऑफिसर जैसे उच्च स्तरीय स्टाफ पदों पर भी अपनी अमूल्य सेवाएं दीं। प्रयागराज में सेंट्रल एयर कमांड के वरिष्ठ स्टाफ ऑफिसर के रूप में, उन्होंने महाकुंभ जैसे विशाल और संवेदनशील आयोजन की सुरक्षा और समन्वय की जटिल जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाया। अक्टूबर 2024 में डीजीएओ का प्रतिष्ठित पद संभालने से पहले, वे असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (ऑप्स ऑफेंसिव) के रूप में देश की आक्रामक हवाई रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे थे।उनके असाधारण योगदान को सम्मानित करते हुए, उन्हें 2008 में वायु सेना मेडल, 1997 में सीएएस प्रशस्ति, और दुर्घटना-मुक्त उड़ान के लिए थ्री स्टार्स जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया है।

'ऑपरेशन सिंदूर': भारत का अचूक और करारा जवाब!

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई। इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने 7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के उन 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित थे और भारत में आतंक फैलाने की साजिश रच रहे थे।एयर मार्शल भारती ने इस ऑपरेशन में हवाई अभियानों की योजना बनाने, विभिन्न इकाइयों के बीच समन्वय स्थापित करने और इसे सफलतापूर्वक अंजाम देने में एक केंद्रीय और निर्णायक भूमिका निभाई। उनके कुशल नेतृत्व में भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलटों ने राफेल और सुखोई-30 MKI जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करते हुए SCALP क्रूज मिसाइल, HAMMER प्रेसिजन-गाइडेड बम और घातक लॉइटरिंग म्यूनिशन्स जैसे उच्च-परिशुद्धता हथियारों से दुश्मन के ठिकानों को पल भर में मटियामेट कर दिया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने, जैसे नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी) और रहीम यार खान एयरबेस, बुरी तरह से तबाह हो गए।

भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली (IACCS) ने भी अपनी क्षमता का लोहा मनवाते हुए पाकिस्तानी ड्रोन्स, यूएवी और मिसाइलों को हवा में ही ढेर कर दिया। इतना ही नहीं, इस प्रणाली ने तुर्की के आधुनिक ड्रोन्स, चीन की खतरनाक PL-15 मिसाइल और संभवतः कुछ पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को भी नष्ट करने में सफलता हासिल की। एयर मार्शल भारती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गर्व से कहा, "हमने अपने सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है। हमारे सभी पायलट सुरक्षित वापस लौट आए हैं।" उन्होंने यह भी पुष्टि की कि भारतीय वायुसेना ने कई पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया है, हालांकि युद्ध की संवेदनशील स्थिति के कारण नुकसान के विस्तृत विवरण का खुलासा नहीं किया गया है।

आधुनिक युद्ध की बदलती तस्वीर!

एयर मार्शल भारती का रणनीतिक दृष्टिकोण सटीकता, विभिन्न सैन्य इकाइयों के बीच प्रभावी समन्वय और उन्नत तकनीक के अधिकतम उपयोग पर आधारित है। उन्होंने मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs) और साइबर युद्ध क्षमताओं को पारंपरिक सैन्य अभियानों में एकीकृत करने पर विशेष जोर दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' में हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों, लंबी दूरी के ग्लाइड बमों और मानव रहित संपत्तियों का प्रभावी उपयोग इस बात का जीवंत प्रमाण है कि एयर मार्शल भारती ने भारतीय वायुसेना को आधुनिक युद्ध की बदलती दिशा में एक कदम आगे रखा है।उनके कुशल नेतृत्व में, एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (IACCS) ने देश के व्यापक रक्षा नेटवर्क के समन्वय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने पाकिस्तानी हमलों को विफल करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एयर मार्शल भारती ने स्पष्ट रूप से कहा, "यह एक अलग तरह का युद्ध है। हमें हमेशा अपने दुश्मन से एक कदम आगे रहना होगा।"

पूर्णिया और बिहार के लिए गर्व का क्षण: मिट्टी का लाल, आसमान का सितारा!

पूर्णिया के निवासी विजय श्रीवास्तव ने गर्व से कहा, "255 वर्ष पुराने जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब कोई व्यक्ति इतनी ऊंची पदवी तक पहुंचा है।" एयर मार्शल भारती का अभूतपूर्व योगदान न केवल पूर्णिया बल्कि पूरे बिहार के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन एक साधारण गांव से शुरू होकर भारतीय वायुसेना के शीर्ष पद तक पहुंचने की एक प्रेरणादायक कहानी है, जो युवा पीढ़ी को देशसेवा और अथक परिश्रम का अमूल्य संदेश देती है।

'ऑपरेशन सिंदूर' के असली हीरो: एयर मार्शल एके भारती!

एयर मार्शल एके भारती ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से न केवल पाकिस्तान को एक करारा और निर्णायक जवाब दिया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की अदम्य सैन्य शक्ति और रणनीतिक क्षमता को भी मजबूती से स्थापित किया। उनकी अद्वितीय नेतृत्व क्षमता, तकनीकी दक्षता और अटूट देशभक्ति ने उन्हें निस्संदेह 'ऑपरेशन सिंदूर' का आर्किटेक्ट बना दिया है। पूर्णिया का यह सपूत आज न केवल बिहार का गौरव है, बल्कि पूरे भारत का अभिमान है!