ईडी ने छगन भुजबल को दी बड़ी राहत, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वापस ली याचिका, 5 महीने पहले शरद पवार से बगावत कर भाजपा को किया था समर्थन

ईडी ने छगन भुजबल को दी बड़ी राहत, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वापस ली याचिका, 5 महीने पहले शरद पवार से बगावत कर भाजपा को किया था समर्थन

DESK. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल के खिलाफ दायर अपनी याचिकाएं वापस ले ली हैं। केस वापस लेने को लेकर ED की ओर से कहा गया है कि उसे भुजबल के खिलाफ दायर की हुई अपनी ही याचिका नहीं मिल रही है.  छगन भुजबल फिलहाल महाराष्ट्र में BJP-शिवसेना-NCP की सरकार में कैबिनेट का हिस्सा हैं.

 हालांकि उनके बेटे पंकज भुजबल के खिलाफ ऐसा नहीं किया गया है और उनके खिलाफ ईडी की जांच जारी रहेगी।
5 महीने पहले ही छगन ने शरद पवार से बगावत की थी। वे शरद पवार से अलग हो गए थे। एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर उन्होंने भाजपा नीत एनडीए को महाराष्ट्र में समर्थन किया। इसी का नतीजा हुआ कि वहां सत्ता बदल गई। उसके पहले छ्गन भुजबल को लेकर भाजपा ने कई तरह के भ्रस्टाचार के आरोप लगाए थे। वहीं अब ईडी ने याचिका वापस लेने का फैसला कर बड़ी राहत दी है। 

भुजबल और उनके परिवार के कुछ सदस्यों को 2016 में महाराष्ट्र सदन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED ने गिरफ्तार किया था. तब वो विपक्ष के नेता थे. इसके बाद भुजबल को मई 2018 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. जमानत मिलने के तुरंत बाद ट्रायल कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2018 को भुजबल को अपना पासपोर्ट नवीनीकरण करने की अनुमति दे दी थी और उन्हें विदेश यात्रा की भी इजाजत मिल गई थी.

भुजबल के खिलाफ ED ने हाईकोर्ट में 2018 में ही एक याचिका दायर की और भुजबल को मिली छूट चुनौती दी. इस साल सितंबर और अक्टूबर में जब 2018 में दायर की गई ये याचिका सुनवाई के लिए आई तो ED ने तुरंत अदालत को बताया कि उसे अपनी ही याचिका नहीं मिल रही है, जो उसने भुजबल और उनके भतीजे के खिलाफ दायर की थी.
29 नवंबर, 2023 को ED की ओर से वकील हर्ष देधिया हाईकोर्ट पहुंचे और याचिकाएं वापस लेने की अपील की. जस्टिस आरएन लड्ढा ने इसकी अनुमति दे दी और फिर कोर्ट ने याचिकाओं को वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया.

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