राज्य सभा के लिए जदयू के अनिल हेगड़े आज करेंगे नामांकन, निर्विरोध जीत तय, लेकिन आरसीपी का संशय बरकरार

पटना. राज्य सभा उपचुनाव के लिए जदयू के अनिल हेगड़े गुरुवार को नामांकन करेंगे. उपचुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन है. चूकी विपक्षी दलों की ओर से अब तक किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है इसलिए अनिल हेगड़े का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है. दरअसल जदयू के किंग महेंद्र के निधन के कारण राज्यसभा की यह सीट दिसम्बर 2021 से ही खाली है. नामांकन उपरांत नामांकन वापसी की तिथि 23 मई तक है. उपचुनाव के लिए 30 मई को मतदान होना है. लेकिन यह उस स्थिति में होगा जब एक से ज्यादा उम्मीदवार होंगे.

कर्नाटक के रहने वाले अनिल हेगड़े कई दशकों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निकटस्थ रहे हैं. वे जदयू के शुरुआती दौर से ही पार्टी के संगठन के लिए काम करते रहे हैं. यह पहला मौका होगा जब अनिल किसी सदन के सदस्य बनेंगे. वे आज तक कभी भी विधायक या सांसद नहीं बने हैं. सीएम नीतीश कुमार ने अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बनाए जाने पर कहा भी कि वे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं. वे जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए कार्य करते रहे हैं. इसलिए जदयू ने अपने एक निष्ठावान कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया है. 

अनिल हेगड़े लंबे समय तक जॉर्ज फर्नांडिस के साथ भी रहे और 38 वर्षों तक लगातार एक कार्यकर्ता के रूप में भूमिका निभाई है. डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के विरोध में 5150 दिनों तक लगातार दिल्ली में प्रतीकात्मक विरोध कार्यक्रम आयोजित करते रहे. राज्य सभा के लिए निर्वाचित होने के बाद अनिल हेगड़े का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा.

एक ओर जहां अनिल हेगड़े के निर्विरोध निर्वाचन की संभावना है, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के दोबारा राज्य सभा जाने पर संशय बरकरार है. राज्यसभा की 5 सीटों के लिए बिहार में 10 जून को चुनाव होना है. इसमें जदयू कोटे से एक सीट पर उम्मीदवार उतारा जाएगा. पार्टी सूत्रों का कहना है कि जदयू इस बार आरसीपी को दोबारा राज्य सभा उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं है. बुधवार को जब मीडियाकर्मियों ने इसे लेकर आरसीपी से सवाल किया तब वे झल्ला गए. उन्होंने मीडियाकर्मियों को कहा है कि वे मीडिया को इस बारे में क्यों बताएं. 

वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आरसीपी को राज्यसभा भेजने के सवाल पर कहा कि इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निर्णय लेंगे. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की इस बयानबाजी से भी साफ है कि जदयू में आरसीपी के नाम पर फ़िलहाल मंथन जारी है. 


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