PATNA - पटना से 25 किलोमीटर की दूरी पर फतुहा में स्थित है त्रिवेणी संगम घाट जहां कुछ दिनों से उछलती, कूदती अटखेलियां करती डॉल्फिन देखने को मिल रही है। यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। फतुहा में गंगा पुनपुन के संगम त्रिवेणी घाट पर बड़ी संख्या में डॉल्फिन दिखाई पड़ती है। यहां लोग डॉल्फिन को नजदीक से देखने के लिए नाव का सहारा भी ले रहे हैं। सोमवार को संगम के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में 18 से 20 की संख्या में डॉल्फिन अठखेलियां करती दिखीं।
पटना के फतुहा त्रिवेणी संगम घाट के आसपास के लोगों की माने तो त्रिवेणी घाट पर गंगा में डॉल्फिन अठखेलियां करती नजर आती हैं। सुबह में 8 से 10 बजे तक या शाम 3 से 5 बजे के बीच में डॉल्फिन को बड़ी संख्या में देखा जा सकता है। इसके अलावा फतुहा के कटैया घाट और मस्ताना घाट पर भी डॉल्फिन को देख सकते हैं। हालांकि इन दोनों जगह पर कभी-कभी डॉल्फिन दिखाई देती है।
15 साल पहले राष्ट्रीय जलीय जीव बना गंगा डॉल्फिन
पांच अक्टूबर 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गांगेय डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। डॉल्फिन को जलीय जीव घोषित कराने का श्रेय पटना विवि के प्रोफेसर डॉ. आरके सिन्हा को दिया जाता है।
राष्ट्रीय जलीय जीव गांगेय डॉल्फिन महिलाओं की तरह नौ माह तक गर्भ धारण करती है तथा बच्चे को जन्म देने के बाद दूध पिलाकर बड़ा करती है। नदी की आहार श्रृंखला में सबसे ऊपर रहने वाली डॉल्फिन का जंगल में बाघ की तरह नदी में स्थान है। पटना के गांधी घाट से फतुहा के बीच में करीब दो दर्जन डॉल्फिन है। बताया जाता है कि देश में आधा तथा विश्व में एक तिहाई डॉल्फिन बिहार में है।
REPORT- RAJNISH YADAV